निदेशक रक्षा खाद्य शोध प्रयोगशाला (DFRL)
डॉ अनिल दत्त सेमवाल
निदेशक, रक्षा खाद्य शोध प्रयोगशाला (DFRL)

डॉ. अनिल दत्त सेमवाल, वैज्ञानिक 'जी' ने 1 अक्टूबर 2018 की प्रभावी तिथि से निदेशक, रक्षा खाद्य शोध प्रयोगशाला (डीएफआरएल), डीआरडीओ, मैसूरू के रूप में पदभार ग्रहण किया। इस कार्यभार से पहले, वह रक्षा खाद्य शोध प्रयोगशाला, मैसूरू में अनाज विज्ञान तकनीक प्रभाग में वैज्ञानिक 'जी' और सहायक निदेशक (तकनीक हस्तांतरण और प्रदर्शन, शैक्षणिक और खाद्य गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग) के रूप में कार्यरत थे।

डॉ. एडी सेमवाल ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल) उत्तराखंड से रसायन शास्त्र में एमएससी उत्तीर्ण किया और रसायन विज्ञान में कर्नाटक के मैसूरु, मैसूर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1987 में डीएफआरएल में वैज्ञानिक 'बी' के रूप में अपने करियर का आरंभ किया और उन्होंने टिन में खाद्य तेल के परिवहन के लिए सुरक्षात्मक पैकेजिंग प्रणालियों के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दिया। डॉ. सेमवाल ने अपनी सेवा के प्रारंभिक वर्ष के दौरान सेवाओं में शामिल करने के लिए परिष्कृत और मिश्रित खाद्य तेलों की शेल्फ स्थिरता को बढ़ावा दिया।

लिपिड पेरोक्सीडेशन और उनकी नियंत्रण प्रणाली को प्रभावित करने वाले कारकों पर उनके अध्ययन, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के शैल्फ जीवन को बढ़ाने और विभिन्न प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके सुविधा / तत्काल/ रेडी टू ईट (आरटीई) खाद्य पदार्थों के विकास के परिणामस्वरूप सशस्त्र बलों के लिए 100 से अधिक पौष्टिक ऊर्जा से भरपूर खाद्य उत्पाद विकसित किए गए जैसे संरक्षित और फ्लेवर्ड चपातियां, थर्मली प्रोसेस्ड लॉन्ग टर्म (नो प्रेज़रवेटिव) चपातियां, इंस्टेंट खाद्य उत्पाद, एंटी-ऑक्सीजेनिक सॉल्ट, वेजिटेबल कट्टी रोल, आरटीई बार्स, जिफ़ी खाद्य उत्पाद आदि।

डॉ. एडी सेमवाल ने सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभिन्न परिचालन राशनों जैसे कि आपातकालीन फ़्लाइंग राशन, सर्वाइवल राशन, रेडी टू ईट मील (एमआरई) राशन, मुख्य युद्धक टैंक राशन, पनडुब्बी चालक दल राशन और कम्पो राशन का विकास करने और सेवाओं में उनको शामिल करने के साथ साथ ही कम लागत वाले खाद्य प्रसंस्करण उपकरणों जैसे कि स्वचालित चपाती बनाने की मशीन, बार बनाने की मशीन आदि के स्वदेशीकरण पर भी कार्य किया।

वह आदर्श अभिनव खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण सहायक रहे जैसे कि खाद्य पदार्थों के त्वरित प्रसार के लिए कोल्ड शॉक डिहाइड्रेशन तकनीकें, इन्फ्रा रेड और माइक्रोवेव प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियां और जिफी खाद्य उत्पादों के विकास के लिए कोम्बिनेशन प्रोसेसिंग तकनीकें।

आत्मनिर्भरता के संचालनकर्ता के रूप में उन्होंने डीएफआरएल द्वारा विकसित आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए उद्यमियों और उद्योगों को सफलतापूर्वक उत्प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप सामान्य नागरिकों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति के लिए 321 से अधिक तकनीकों का उत्पादन 214 उद्योगों का हस्तांतरण किया गया। उन्होंने ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन सहायता, राष्ट्रीय आपदा राहत अभियान (उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, चेन्नई, केरल और कर्नाटक) और अंटार्कटिका मिशन के दौरान कुछ समय के लिए जरूरतमंद लोगों को बड़ी मात्रा में प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ की आपूर्ति कर राष्ट्र के प्रति अपना योगदान दिया।

उनके राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 130 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं और राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में 170 पेपर प्रस्तुत किए गए है। खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों पर उनके 11 पेटेंट हैं। उन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं जैसे एनएन मोहन मेमोरियल पुरस्कार, केजरीवाल पुरस्कार, प्रौद्योगिकी समूह पुरस्कार (डीआरडीओ), वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार (डीआरडीओ-प्रयोगशाला स्तर), उत्कृष्ट अनुसंधान पेपर पुरस्कार आदि। वह फूड साइंसेज एंड टेक्नोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन (एएफएसटीआई) के अध्यक्ष एवं आजीवन सदस्य हैं और भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन के आजीवन सदस्य हैं, वह एफ्रो एशियाई खाद्य वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों के संस्थापक सदस्य (एएएफओएसटीआई) और ब्यूरो ऑफ इन्डियन स्टैंडर्ड फॉर फूड ग्रेन्स एंड स्टार्च के मुख्य सचिव हैं। डॉ. अनिल दत्त सेमवाल, वैज्ञानिक 'जी' एवं निदेशक।

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