श्री एपीवीएस प्रसाद, सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (सेमिलाक) के प्रमुख हैं तथा रक्षा विभाग आरएंडडी, रक्षा मंत्रालय के मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्यरत हैं। वह उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद के छात्र रहे हैं और वर्ष 1989 में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने आगे की पढाई की और वर्ष 1997 में आईआईटी खड़गपुर से दूरसंचार में एमटेक की डिग्री प्राप्त किया।
श्री एपीवीएस प्रसाद 1990 में एक वैज्ञानिक के रूप में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (वैमानिकी विकास संस्थान) (एडीई), डीआरडीओ में शामिल हुए और इनका मानव रहित विमानों के लिए एवियोनिक्स सिस्टम्स के रिसर्च और विकास में लगभग 3 दशकों का अनुभव है। इन्होंने रूस्तम - II यूएवी के प्रोग्राम डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है और आर -II के सफल उड़ान का परीक्षण इनके सक्षम मार्गदर्शन के तहत किया गया है। इनके रुचि के क्षेत्र डेटा लिंक्स, एवियोनिक्स, पेलोड्स, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर), अल्टीमीटर्स और डॉपलर रडार्स के डिजाइन और विकास हैं।
वह 31 मई 2019 को चीफ एग्जीक्यूटिव (एयरवर्थनेस), सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (सेमिलाक) के रूप में पदभार संभाला। सीई (ऐ), सेमिलाक के रूप में, वह राष्ट्रीय महत्व के सभी विकास कार्यक्रमों यानी मिलिट्री एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, यूएवी, एयरबोर्न स्टोर्स, हथियारों का एकीकरण, अपग्रेड कार्यक्रम, स्वदेशीकरण आदि के एयरवर्थनेस सर्टिफिकेशन की जानकारी दे रहे हैं। पूरे भारत में फैले 18 क्षेत्रीय केंद्रों (आरसीएमए) के प्रमुख के रूप में वह सभी मिलिट्री एयरबोर्न व्हीकल की उड़ान सुरक्षा/राष्ट्र के भंडार सुनिश्चित कर रहे हैं।
श्री एपीवीएस प्रसाद को यूएवी के विकास में उनके काम के लिए कई पुरस्कार दिए गये हैं। उन्हें वर्ष 2016 के लिए डीआरडीओ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड, वर्ष 2012 और 2017 के लिए टेक्नोलॉजी ग्रुप अवार्ड, 2009 और 2010 के लिए सीएसीई टीम अवार्ड, 2004 और 2005 के लिए डीआरडीओ टीम अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
वह विभिन्न प्रतिष्ठित व्यावसायिक निकायों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट, एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया, कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया और एएससीआई के सदस्य हैं। वह एआरडीबी सिस्टम इंजीनियरिंग पैनल के लिए पैनल कोऑर्डिनेटर भी हैं।