वक्ता का नाम | वर्ष | विषय |
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डॉ. हिमांशु ओझा, वैज्ञानिक 'ई' | 2022 | दर्दनाक चोटों के लिए नवीन हाइड्रोजेल आधारित सामयिक फॉर्मूलेशन |
डॉ. रत्नेश सिंह कंवर, वैज्ञानिक 'एफ' | 2021 | कोविड-19: मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती' |
डॉ. अनंत नारायण भट्ट, वैज्ञानिक 'ई' | 2020 | रेडियो-सुरक्षा को समाप्त करने के लिए मेटाबोलिक संशोधन और सेल सिग्नलिंग दृष्टिकोण |
डॉ. रश्मि अग्रवाल, वैज्ञानिक 'ई' | 2019 | परिवर्तनशील हेतु विज्ञान तथा उपापचयी मास्टर - थायरॉयड ग्रंथि के विभिन्न नैदानिक प्रस्तुतिकरण में एक गहरी अंतर्दृष्टि विकसित करना |
डॉ. सुधीर चंदना, वैज्ञानिक 'जी' | 2018 | नया खोजा गया 'स्मार्ट' रेडियो सुरक्षात्मक सांकेतिक तंत्र के अंतर्गत आग को बुझाना |
डॉ. राज कुमार, वैज्ञानिक 'ई’ | 2017 | परमाणु विकिरण के सापेक्ष जैविक प्रणालियों की रक्षा के लिए रेडियो प्रतिरोधी बैक्टीरिया के प्रयोग से विकिरण प्रत्युपाय का विकास करना |
डॉ. मंजूबाला पोपली, वैज्ञानिक 'एफ' | 2016 | स्तन कैंसर की इमेजिंग के लिए मौजूदा प्रौद्योगिकीय नवप्रवर्तन: इंजीनियरिंग और चिकित्सा का एक संकलन |
डॉ. मधुबाला, वैज्ञानिक 'एफ' | 2015 | रेडियोबायोलॉजी में नए प्रतिमान- चिकित्सीय विकिरण प्रत्युपाय को विकसित करने का निहितार्थ |
डॉ. मंजू गुप्ता, वैज्ञानिक ’एफ’ | 2014 | विकिरण से मानव के स्वास्थ्य की सुरक्षा: एक चुनौतीपूर्ण कार्य |
डॉ. राजीव विज, वैज्ञानिक ’एफ’ | 2013 | रक्षा विज्ञान फोरम: भविष्य में वैज्ञानिक संचार के लिए पहलें और रणनीतियां |
डॉ. अनुपम मंडल, वैज्ञानिक ' एफ' | 2012 | अत्याधुनिक पीईटी-सीटी सुविधा के लिए परमाणु चिकित्सा का विकास |
डॉ. एके मिश्रा | 2011 | आणविक इमेजिंग के लिए एमआर के विशेष संदर्भ सहित मल्टीमॉडल इमेजिंग एजेंट |
डॉ. एन के चौधरी, वैज्ञानिक 'एफ' | 2010 | एसएंडटी परियोजनाओं के माध्यम से नवप्रवर्तन: एक अनुभव |
डॉ. सुभाष खुशु, वैज्ञानिक 'एफ' | 2009 | एनएमआर का विकास: अणुओं से मानव व्यवहार तक |
डॉ. असीम भटनागर, वैज्ञानिक 'ई' | 2008 | फार्मा कोस्किन्टिग्राफी: न्यूक्लियर मेडिसिन के छिपे हुए व्हील और फायर |
डॉ. बीएस द्वारकानाथ, वैज्ञानिक 'एफ' | 2007 | अवधारणात्मक जीव विज्ञान और साहित्य आधारित खोज: जैव औषधि पर प्रभाव |
ब्रिगेडियर आरके मारवाहा | 2006 | क्या विटामिन डी की कमी एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य समस्या है? वर्तमान परिप्रेक्ष्य |
डॉ. एम. साहू, वैज्ञानिक 'एफ' | 2005 | थायराइड रोगों का पता लगाने में एफएनएसी की भूमिका |
डॉ. रवि कश्यप, वैज्ञानिक ’एफ’ | 2004 | नाभिकीय औषधि के प्रयोग से संक्रमण आंकलन के लिए आदर्श दृष्टिकोण |
ब्रिगेडियर आरपी त्रिपाठी | 2003 | गैर-इनवेसिव कार्डियो वैस्कुलर इमेजिंग में नई उपलब्धियां |
ब्रिगेडियर. जेके बंसल | 2002 | औषधि के नैतिक प्रभाव एवं रोकथाम |
लेफ्टिनेंट जनरल टी रविंद्रनाथ | 2001 | मैक्सिलो-फेशियल उपकरणों का स्वदेशी विकास |
डॉ. एचसी गोयल, वैज्ञानिक ’एफ’ प्रो एन के मिश्रा, एम्स | 2000 | मध्यवर्ती न्यूरोराडोलॉजी में बायोमेडिसिन के वर्तमान रुझान संबंधी परिप्रेक्ष्य |
वक्ता का नाम | वर्ष | विषय |
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डॉ. रश्मि अग्रवाल, वैज्ञानिक 'ई' | 2022 | लड़ाकू संचालकों और नागरिक आबादी की विटामिन-डी स्थिति को अनुकूलित करके उनके शारीरिक और संज्ञानात्मक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए चिकित्सा रणनीतियाँ |
डॉ. अनंत नारायण भट्ट, वैज्ञानिक 'ई' | 2019 | सशस्त्र बलों के लिए सेल संकेतक एवं प्रदाह आधारित विकिरण प्रत्युपाय रणनीति का विकास |
डॉ. पबन कुमार अग्रवाल, वैज्ञानिक 'ई' | 2018 | विकिरण प्रत्युपाय एजेंटों का विकास: एक आदर्श दृष्टिकोण |
श्री ध्रुव कुमार निषाद, वैज्ञानिक 'डी' | 2017 | रणनीतिक युद्ध के लिए एनबीसी चिकित्सा आपातकालीन किट का विकास |
डॉ. अमित कुमार, वैज्ञानिक 'डी' | 2016 | युद्ध के कारण कैज्युअलिटी प्रबंधन में रक्तस्तम्भन |
डॉ. पीसी गुप्ता, वैज्ञानिक ’ई’ | 2015 | एक स्वचालित बाहरी रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर (आरएन) संदूषण निगरानी एवं विसंदूषण उपकरण का डिजाइन एवं विकास करना (नाम सुसननsusan) |
डॉ. पूनम राणा, वैज्ञानिक 'डी' | 2014 | सेना अनुप्रयोगों में चपाचपय |
डॉ. कैलाशमंदा वैज्ञानिक ’ई’ | 2013 | प्रीक्लिनिकल न्यूरो-साइकोफार्माकोलॉजी (तंत्रिका मनो चिकित्सा) में व्यवहार मॉडल |
डॉ. रजनीश शर्मा, वैज्ञानिक ’एफ’ | 2012 | एफडीजी पीईटी / सीटी चित्रों पर तंत्रिका-संज्ञानात्मक विकारों का विस्तार |
डॉ. आई. प्रेमकुमार, वैज्ञानिक 'सी' | 2011 | संभावित रेडियोप्रोटेक्टर्स और निष्क्रिय एनीमेशन प्रेरक की पहचान के लिए कशेरुक जीव मॉडल के रूप में जेब्राफिश के इस्तेमाल से उच्च प्रवाह क्षमता जांच दृष्टिकोण |
डॉ. जीयू गुरुदत्त, वैज्ञानिक ‘ई' | 2010 | स्टेम कोशिका चिकित्सा: अत्याधुनिक तकनीकी आविष्कार |
डॉ. एके मिश्रा, वैज्ञानिक ’एफ’ | 2009 | इमेजिंग विज्ञानों में बहुस्तरीय जांच विकसित करने के लिए स्मार्ट रासायनिक दृष्टिकोण |
डॉ. सुधीर चंदना, वैज्ञानिक ’ई’ | 2008 | सेल्युलर पैथोफिजियोलॉजी, कोशिका अवसान एवं ड्रग प्रतिक्रिया के विश्लेषण के लिए सरलीकृत सेल एम्बेडेडिंग और माइक्रो-इलेक्ट्रोफोरेटिक तकनीक: विकिरण विज्ञान और बायोमेडिकल जांच में अनुप्रयोग |
डॉ. सुभाषखुशु, वैज्ञानिक 'एफ' | 2007 | कार्यात्मक एमआरआई का विकास: तंत्रिका-विज्ञान में अनुप्रयोग |
श्री आर एस राउतेला, वैज्ञानिक बी | 2006 | एमआरआई और एमआरएस स्वतः मुड़ने वाली द्विपक्षीय कोइल |
डॉ. बीएस द्वारकानाथ, वैज्ञानिक 'एफ' | 2005 | कैंसर चिकित्सा को बेहतर करने वाली तकनीक |
ब्रिगेडियर आरके मारवाहा | 2004 | थायराइड एमहामारी-विज्ञान: पोस्ट आयोडेशन चरण में बची हुई गलगण्ड की देशव्यापी जांच |
डॉ. अरुणबत्रा, वैज्ञानिक ’सी’ | 2003 | द्रवनिवेशन एमआर इमेजिंग |
डॉ. एस. सेंथिलकुमारन, वैज्ञानिक 'सी' | 2002 | पीसी प्लेटफॉर्म पर छवि दृश्यसॉफ्टवेयर |
डॉ. मधुबाला, वैज्ञानिक ’ई’ | 2001 | पल्स्ड - फील्ड इलेक्ट्रोफ़ोरेसिस: तकनीकी विकास और जीनोमिक्स अनुसंधान |
टीओएलआईसी पुरस्कार: नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) दिल्ली को इनमास में वर्ष 2017-18 के दौरान उत्कृष्ट राजभाषा क्रियान्वयन के लिए 22 जून, 2018 को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (टीओएलआईसी) उत्तरी दिल्ली द्वारा विशाल संस्थान की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव और टीओएलआईसी उत्तरी दिल्ली ने अपने संबंधित कार्यालयों में राजभाषा क्रियान्वयन में उत्कृष्ट योगदान के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न संस्थानों को पुरस्कृत किया। इनमास को 'प्रस्तुति' के लिए सर्वश्रेष्ठ परिसर पत्रिका और उत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार मिला।
डीआरडीओ "वर्ष के वैज्ञानिक" पुरस्कार - 2017
डॉ. गुरुदत्त गंगानहल्ली, वैज्ञानिक 'जी', चिकित्सानाभिकीय औषधि और संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) को डीआरडीओ के प्रतिष्ठित "वर्ष का वैज्ञानिक" पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया है। माननीय रक्षा मंत्री (आरएम) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने विभिन्न डीआरडीओ वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए। समारोह 14, मई 2018 को डीआरडीओ भवन में आयोजित किया गया।
डीआरडीओ "वर्ष के वैज्ञानिक" पुरस्कार - 2016
डॉ. मंजू गुप्ता को डीआरडीओ के प्रतिष्ठित "वर्ष के वैज्ञानिक" पुरस्कार 2016 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार, एक सुरक्षित और संभावित रेडियो सुरक्षात्मक दवा पर विकासात्मक कार्य के लिए प्रदान किया जाता है, जो विकिरण प्रभावित 100% मृत्युदर के विरुद्ध 85% से अधिक जानवरों को बचाने में सक्षम है। आकस्मिक / आतंकवादी गतिविधियों के कारण विकिरण के प्रभाव से पीड़ित को बचाने के लिए सशस्त्र बलों को जैविक रूप से सुरक्षा प्रदान करने में इस दवा का बहुत महत्व होगा।
ब्रिगेडियर एस.के. मजूमदार युवा वैज्ञानिक पुरस्कार-2016
डॉ. अमित कुमार, वैज्ञानिक 'डी' ने ब्रिगेडियर एस.के. मजूमदार मेमोरियल ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा 20 सितंबर 2016 को आयोजित प्रतियोगिता में ब्रिगेडियर एस.के. मजूमदार युवा वैज्ञानिक पुरस्कार-2016 प्राप्त किया।
विशिष्ट चिकित्सा रतन पुरस्कार
डॉ. आरपी त्रिपाठी, ओएस और निदेशक इनमास, को माननीय श्री रविशंकर प्रसाद, कानून एवं न्याय तथा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार द्वारा चिकित्सा और सामाजिक कार्य में उत्कृष्ट योगदान हेतु 1 जुलाई, 2014 डॉक्टर'स डे के अवसर पर “विशिष्ट चिकित्सा रतन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है।
डॉ. आर. वी. राजम व्याख्यान स्वर्ण पदक
डॉ. राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, ओएस और निदेशक इनमास को जोधपुर में 25-27 अक्टूबर 2013 के दौरान एसएएमएसकॉन 2013- नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (इंडिया) द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में डॉ. आर चिदंबरम डीएई होमी भाभा चेयर प्रोफेसर, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, केंद्रीय परिसर, ट्रॉम्बे, भारत सरकार के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा डॉ. आर. वी. राजम व्याख्यान स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था।