आधुनिक लड़ाकू विमानों में, पायलट का उड़ान कौशल के अलावा, विमान प्रणालियों के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करने में सक्षम होना आवश्यक है। पायलट को विमान में स्थित कई सेंसरों के विभिन्न प्रदर्शनों और उपकरणों के माध्यम से प्रस्तुत की गई जानकारी को सही तरीके से समझने की भी आवश्यकता होती है। पायलटों पर विमानन प्रणालियों और हथियार वितरण प्रणाली की उन्नति के साथ-साथ आपात स्थिति और मुठभेड़ अभियानों को संभालने की भी जिम्मेदारी होती है। इसके लिए उम्मीदवारों के संज्ञानात्मक सूचना प्रसंस्करण कौशल के साथ ही मनोवैज्ञानिक कौशल का मूल्यांकन करना भी आवश्यक है। यह मनोवैज्ञानिक अनुसंधान रक्षा संस्थान (डीआईपीआर), वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बैंगलोर और भारतीय वायु सेना का संयुक्त उद्यम है। संज्ञानात्मक और मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के "सॉफ़्टवेयर" को मनोवैज्ञानिक अनुसंधान रक्षा संस्थान (डीआईपीआर), दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है और प्रणाली के हार्डवेयर का विकास वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बैंगलोर ने किया है। इस प्रणाली में सिम्युलेटर कॉकपिट और कंप्यूटर आधारित प्रणालियां शामिल हैं, जो उम्मीदवारों की मनोप्रेरणा और संज्ञानात्मक क्षमता की जांच करती हैं।
कम्प्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली (सीपीएसएस)
कम्प्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली (सीपीएसएस)
मानसिक कार्यभार आकलन इकाई एरोनॉटिक्स और मनोविज्ञान के बीच संतुलन का अनूठा परिणाम है। यह इकाई अधिक वस्तुनिष्ठ तरीके से पायलटों के मानसिक कार्यभार का आकलन करने में मदद करेगी।
पायलट के मानसिक कार्यभार के आकलन के लिए उड़ान अनुकारक (सिम्युलेटर)
पायलट के मानसिक कार्यभार के आकलन के लिए उड़ान अनुकारक (सिम्युलेटर)
संस्थान में 10,769 से अधिक पुस्तकों, 359 मनोवैज्ञानिक परीक्षणों, 102 पत्रिकाओं (10 राष्ट्रीय + 92 अंतर्राष्ट्रीय) और संदर्भ सामग्री सहित मनोविज्ञान पर विशेष सूचना केंद्र है। पुस्तकालय बड़ी संख्या में भारतीय विदेशी मनोविज्ञान और संबंधित पेशेवर पत्रिकाओं की सदस्यता भी लेता है। यह शोध कार्य और सामान्य अध्ययन के लिए एक आदर्श इकाई के रूप में कार्य करता है।
पुस्तकालय
प्रत्येक प्रभाग के लिए इंटरनेट, लैन, द्रोणा और इंट्रा नेट सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।