अपनी दूरदृष्टि, परिकल्पना और रक्षा विज्ञान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते रक्षा मंत्री, स्वर्गीय श्री वीके कृष्णा मेनन ने 1959 में न.1 बीआरडी, एयर फोर्स स्टेशन, कानपुर के एक कोने में गैस टरबाइन अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में अग्रणी गतिविधियां आरंभ की। इस प्रकार से विंग कमांडर एस.एनरॉय चौधरी (अब एवीएमएस.एन. रॉय चौधरी, सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में आठ इंजीनियरों/वैज्ञानिकों और लगभग बीस तकनीशियनों के छोटे से समूह के साथ गैस टरबाइनरिसर्च सेंटर (जीटीआरसी ) की स्थापना हुई। ये छोटी सी टीम 1000 किग्रा थ्रस्ट वाले पहले केन्द्रापसारक प्रकार गैस टरबाइन इंजन के डिज़ाइन और परीक्षण के लिए जिम्मेदार थी, जिसका वित्त पोषण सीएसआईआर द्वारा किया गया था। अप्रैल 1961 में कानपुर में परीक्षण मंच में इंजन का परीक्षण किया गया। हालाँकि, नवंबर 1961 में जीटीआरसी को बेंगलुरु शहर में स्थानांतरित कर दिया गया जो उस समय और अभी भी सभी वैमानिकी गतिविधियों का केंद्र है। इसे डीआरडीओ के बैनर तले लाया गया और नाम बदल कर गैस टरबाइन रिसर्च एस्टेब्लिश्मेंट (जीटीआरई) किया गया।