डॉ वी वी राव
डॉ वी वी राव
निदेशक, आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (ARDE)

30 जून 2019 को, डॉ. केएम राजन, डीएस एवं निदेशक, एआरडीई के सेवा-निवृत्त होने के परिणामस्वरूप, उत्कृष्ट वैज्ञानिक डॉ. वी. वेंकटेश्वर राव ने 01 जून, 2019 को निदेशक, आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना, पुणे के रूप में पदभार ग्रहण किया। डॉ. राव ने एयूसीई, विशाखापत्तनम से बी.टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), आरईसी, वारंगल से एम.टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) तथा जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (जेएनटीयूसीई), हैदराबाद से पी.एचडी (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) किया है। उन्होंने इग्नू से एमबीए (वित्त और एचआर) को भी पूरा किया है।.

डॉ. वेंकटेश्वर राव ने इससे पूर्व एएसएल, हैदराबाद में कार्यक्रम निदेशक, अग्नि के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने अग्नि मिसाइल के संस्करणों के डिजाइन, विकास, उत्पादन, वितरण, हवाई परीक्षण और जीवन-चक्र प्रबंधन हेतु एक गतिशील सेटअप के निर्माण का मार्गदर्शन किया। इससे पहले, सेंटर फॉर एडवांस्ड सिस्टम्स (उन्नत प्रणाली केंद्र) के निदेशक के रूप में, उन्होंने मिसाइलों के लिए नए एकीकरण और परीक्षण सुविधाओं की स्थापना की। उन्होंने कंफीगरेशन डिजाइन एवं एकीकरण और भंडारण सुविधाओं की स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तथा आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न रेजिमेंटों को अग्नि के अलग-अलग संस्करण वितरित किए। अग्नि के संस्करणों हेतु ठिकानों का डिजाइन, नियोजन और प्रचालन उनके अन्य महत्वपूर्ण योगदान हैं। मिसाइल उत्पादन के एकीकरण और परीक्षण में स्वचालन को अपनाना भी एक अन्य महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने रेजिमेंट टीमों और मिसाइल के प्रबंधन संगठन समूहों को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया। एएसएल और डीआरडीएल, हैदराबाद में दो दशकों से अधिक के अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. राव ने अग्नि प्रणालियों के विकास के सभी चरणों से भरपूर अनुभव हासिल किया। अग्नि और अगले चरण की स्थैतिक परीक्षण सुविधा हेतु ठोस रॉकेट मोटर्स का डिजाइन और कार्यान्वयन उनके कारण ही संभव हुआ है। उन्होंने अग्नि मिसाइल हेतु ठोस रॉकेट मोटर्स के एकीकरण और परीक्षण के साथ-साथ अन्य मिसाइल प्रणालियों जैसे कि एएनएसपी, पीजे10, हेलिना, अस्त्र, एलआरएसएएम, आदि की दिशा में अपरिमित योगदान दिया। अग्नि-3 एवं साइट्स के परियोजना निदेशक के तौर पर, अग्नि-3 चरण I और चरण II ठोस रॉकेट मोटर्स के प्रसंस्करण, एकीकरण और स्थैतिक परीक्षण के लिए इसरो और एसएफसी, जगदलपुर तथा अग्नि-3 मिसाइलों के वितरण के लिए रेजिमेंट के साथ समन्वय स्थापित करने में भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1987 से 1997 तक, इसरो, श्रीहरिकोटा में अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. वी वी राव एएसएलवी और पीएसएलवी के लिए ठोस रॉकेट मोटर्स के एकीकरण और स्थैतिक परीक्षण में शामिल थे, तथा ये पीएसएलवी फ्लाइट व्हीकल के दूसरे और चौथे चरण के एकीकरण और पीएसएलवी एवं जीएसएलवी उप-प्रणालियों के पर्यावरण परीक्षण में भी प्रशिक्षित थे।

डॉ. राव को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं तथा सम्मेलन की कार्यवाही में प्रकाशित कई तकनीकी पत्रों का श्रेय भी हासिल है। ये इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) और एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के फेलो है। ये इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेल्डिंग एंड हाई एनर्जी मेटीरियल्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य और सचिव के रूप में सेवारत होने के साथ ही साथ इंडियन सोसाइटी ऑफ नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग, इंडियन वेल्डिंग सोसाइटी एंड एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य भी हैं।

डॉ. वी. वेंकटेश्वर राव, 2007 में अग्नि -3 विकासात्मक परीक्षणों के सफल समापन में नवप्रवर्तनशील अनुसंधान / उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी विकास के लिए डीआरडीओ पुरस्कार के प्राप्तकर्ता रहे है तथा इन्हें 1996 में पीएसएलवी के ठोस रॉकेट मोटर्स के सफल असेंबली एवं स्थैतिक परीक्षण के लिए अध्यक्ष, इसरो द्वारा 'टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इन्हें 2010 में इंडियन वेल्डिंग सोसाइटी द्वारा सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

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