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सूक्ष्मतरंग और मिलीमीटर-तरंग निर्वात इलेक्ट्राॅनिक युक्तियां एवं सम्बंधित तथ्य

सूक्ष्मतरंग और मिलीमीटर-तरंग निर्वात इलेक्ट्राॅनिक युक्तियां एवं सम्बंधित तथ्य

सूक्ष्मतरंग और मिलीमीटर-तरंग निर्वात इलेक्ट्राॅनिक युक्तियां एवं सम्बंधित तथ्य

  • Name of Author : डॉ. विशाल केशरी
  • Pages: 96
  • ISBN : 978-81-86514-61-0
  • Price : INR 330 US $ 16 UK £ 17
  • Language :
    अंग्रेज़ी
  • Publisher : DESIDOC
  • Year of Publishing : 2018

पुस्तक के सम्बन्ध में

उच्च परिचालन आवृत्तियों पर पारंपरिक सूक्ष्मतरंग नलिकाओं और कम परिचालन आवृत्तियों पर क्वांटम यांत्रिक युक्तियों की सीमाओं से उत्पन्न होने वाले प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी अंतराल को तीव्र.तरंग जाइरो.युक्तियों के आगमन से दूर किया जा सकता है। इस तर्क के मद्देनजर, इस पुस्तक में ज्यादा तकनीकी गहराइयों में न जाते हुए सूक्ष्मतरंग और मिलीमीटर.तरंग निर्वात इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों से सम्बंधित कुछ तथ्यों को उजागर करने का प्रयास किया गया है। सम्पूर्ण पुस्तक को कुल पांच अध्यायों में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक अध्याय के अंत में सम्बंधित ग्रंथसूची का समावेश है, जो पाठक के मस्तिष्क में उठने वाले जिज्ञासाओं के निवारण के लिए मददगार सिद्ध होगा। प्रथम अध्याय में सूक्ष्मतरंग नलिकाओं और इनके उप.संयोजकों और इनके उपयोगों पर चर्चा की गई है। द्वितीय अध्याय में ठोस.अवस्था के शक्तिप्रवर्धक और छोटी चल.तरंग नलिका के प्रवर्धन योग पर बने सूक्ष्मतरंग.शक्ति.प्रतिरूपक पर चर्चा की गई है। इस अध्याय में सूक्ष्मतरंग.शक्ति.प्रतिरूपक का पारंपरिक सूक्ष्मतरंग प्रवर्धकों से तुलनात्मक अध्ययन भी सम्मिलित किया गया है। तृतीय अध्याय में पारंपरिक सूक्ष्मतरंग नलिकाओं से अलग नई पीढ़ी की जाइरो नलिकाओं को स्थान दिया गया है। जाइरो नलिकाएं ऐसी युक्तियाँ हैं जो मिलीमीटर और उप.मिलीमीटर तरंग प्रसार में होने वाली तकनीकी अंतराल को भरने में सक्षम हैं। इस अध्याय में जाइरो.युक्तियों का भारत में विकास प्रस्तुत किया गया है। चतुर्थ अध्याय में जाइरो श्रेणी के साइक्लोट्राॅन रिजोनेन्स मेजर पर चर्चा की गई है। साइक्लोट्राॅन रेजोनेन्स मेजर के इतिहास को दर्शाते हुए दो जाइरो स्त्रोतोंः जाइरो.पिनियोट्राॅन और जाइरोट्राॅन की एक दूसरे से तुलना की गई है। अंतिम अर्थात पंचम अध्याय में जाइरो श्रेणी के एक प्रवर्धक-जाइरो चल.तरंग नलिका के प्रसंग में चर्चा की गई है। जाइरो चल.तरंग नलिका अन्य जाइरो.प्रवर्धकों के अपेक्षा अधिक बैण्डविड्थ देने में सक्षम है, परन्तु और अधिक बैण्डविड्थ प्राप्त कराने के लिए विभिन्न तकनीकों का सारांश उल्लेखित किया गया है।

लेखक परिचय

डॉ विशाल केशरी ने सन् 2001 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर से भौतिकशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि, एवं सन् 2006 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से इलेक्ट्राॅनिक्स अभियांत्रिकी में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वह बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा एवं भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद में इलेक्ट्राॅनिक्स अभियांत्रिकी विभाग के प्रवक्ता रहे हैं। वर्तमान में वह सूक्ष्मतरंग नलिका अनुसंधान तथा विकास केन्द्र (एम.टी.आर.डी.सी), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (रक्षा मंत्रालय) में वैज्ञानिक ‘ई’ के रूप में कार्यरत हैं। उनके शोध क्षेत्र में सूक्ष्मतरंग और मिलीमीटर.तरंग निर्वात इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों का अभिकल्पन एवं विकास शामिल हैं। इनकी दो तकनीकी किताबें (1) डिस्क.लोडेड सर्कुलर वेवगाइड फॉर वाइडबैंड जाइरो.टी.डब्लू.टी., लैम्बर्ट अकादमिक पब्लिशिंग ए.जी. एंड कंपनी, जर्मनी, 2009 और (2) हाई पावर माइक्रोवेव ट्यूबः बेसिक्स एन्ड ट्रेंडस, इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिक्स (आई.ओ.पी.), लंदन, 2017 (प्रेस में) एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 20 से अधिक तकनीकी लेख प्रकाशित हुए हैं। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सम्मेलनों में 60 से अधिक प्रपत्र प्रस्तुत किए हैं। इसके अलावा उन्होने हिन्दी में भी 25 से अधिक तकनीकी एवं गैर.तकनीकी लेख, कविताएँ एवं व्यंग्य प्रकाशित किए हैं। उन्हे कई अंतर्राष्ट्रीय एवं विभागीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें वर्ष 2012 डी.आर.डी.ओ. युवा वैज्ञानिक पुरस्कार भी शामिल है।

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