यह प्रयोगशाला देश की सर्वप्रथम आर एवं डी स्थापना है जिसे आईएसओ-9000 प्रमाणित प्रतिष्ठान प्रमाणित किया गया है। इसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई जब इसको वर्ष हेतु स्वर्ण मयूर गुणवत्ता पुरस्कार (आर एवं डी) प्रदान किया गया।
डॉ. के. डी. नायक, श्री वीरपाल सिंह, श्री अशोक मित्तल और श्री अजय मलिक नामक वैज्ञानिकों की टीम को "वर्ष 1998 में का (केए) बैंक (मिलीमीटर तरंगें) पर थी चैनल मोनोपल्स रिसीवर का विकास" हेतु उच्च अनुशंसित संवर्ग में रु. 50,000/- का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया था।
क्रम. सं. | साल | टीम लीडर | टीम के सदस्य | रुपये | उद्धरण |
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1. | 1980 | डॉ. ई. भागिरथा राओ, एस.सी-जी |
| रु. 5000/- (रु. 500/- दल के नेता को छोड़कर टीम के हर सदस्य के लिए प्रत्येक) | एक लंबी दौड़ संचार प्रणाली स्थापित करने के लिए कार्यक्रम के तहत टरोपोसकेटर का विकास संचार उपकरण, फॉरवर्ड माइक्रोवेव आवृत्ति बैंड में टरोपोसकेटर द्वारा स्कैटर उपयोग. |
2. | 1990 - 1994 | श्री वीबी माथूर. एससी-ई |
| रु. 10000/- | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन रुपये की प्रौद्योगिकी पुरस्कार. वीबी श्री माथुर, वैज्ञानिक और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स आवेदन प्रयोगशाला, देहरादून से ग्यारह सदस्यों की उनकी टीम को दिया 10000 एफ. इस पुरस्कार मिलीमीटर लहर संचार प्रणाली के विकास की दिशा में उनके योगदान को मान्यता देने में है |
3. | 1995 | श्री आरएस मिश्रा, एससी- |
| रु.20,000/- | इस पुरस्कार गुणवत्ता आश्वासन के क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देने में है और स्थापित करने में और प्रयोगशाला में अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को बनाए रखने. |
4. | 1996 | श्री प्रकाश चंद, एससी-ई |
| रु.20,000/- | इस पुरस्कार गुणवत्ता आश्वासन के क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देने में है और स्थापित करने में और प्रयोगशाला में अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को बनाए रखने. |
नाम | साल | प्रशस्ति |
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श्री हरभजन सिंह (वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1983 | वीएलएफ रिसीवर के विकास में असाधारण योगदान हेतु प्रदान किया गया |
श्री वेद प्रकाश सैंडलस् (वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1988 | उपग्रह संचार प्रणाली, छवि संसाधन हार्डवेयर तथा इलीमीट्रिक तरंग मार्गदर्शन प्रौद्योगिकी में असाधारण योगदान |
डॉ. अमरजीत सिंह बैनस् (वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1993 | संचार, मिसाइल सीकर हेड्स तथा टॉप अटैक स्मार्ट म्युनिशन्स के लिए एक मिलीमीटर तरंगों में असाधारण योगदान |
श्री आरसी चक्रावर्ती (वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1995 | छवि संसाधन में असाधारण योगदान |
श्री अशोक सेन (वर्ष के वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1998 | "जैम रोधी डेटा लिंक्स, ट्रैकिंग लिंक्स तथा मिनी आरपीवी- निशान्त के लिए ट्रैकिंग प्रणाली" के विकास में महत्वपूर्ण योगदान |
श्री किशन लाल (जवान वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1998 | वीडियो कोडर - डिकोडर का विकास (सीओडीईसी) |
श्री करिशन मूरारी लाल (सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार) | 1998 | प्रणालीगत लेखा पद्वति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान |
श्री विपीन कुमार कौशिक (जवान वैज्ञानिक पुरस्कार) | 1999 | छवि संसाधन के क्षेत्र में असाधारण योगदान |