श्री एन एस राव
श्री एन एस राव
विशिष्ट वैज्ञानिक, निदेशक, डीएलआरएल

श्री नुथी श्रीनिवास राव ने अक्तूबर 1987 में डीएलआरएल, हैदराबाद में वैज्ञानिक ‘बी’ के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर डीएलआरएल की सेवा की और ईएसएम/ईडब्ल्यू प्रणालियों के अभिकल्पन, विकास और उत्पादन तथा तकनीक जनरेटर, ईसीएम प्रोसेसर, ईएसएम प्रोसेसर, सिस्टम नियंत्रक, रिसीवर नियंत्रकों, रेडार फिंगर प्रिंटिंग सिस्टम और डिजिटल रिसीवर की सफल डिलीवरी में योगदान दिया।उन्होंने 1999 में संयुक्ता की तकनीक उत्पादक के अभिकल्पन एवं विकास के लिए प्रयोगशाला स्तरीय पुरस्कार तथा 2005 में एलोरा शिपबोर्न ईडबल्यू प्रणाली के ईसीएम प्रोसेसर के अभिकल्पन एवं विकास में योगदान के लिये “वर्ष के प्रयोगशाला वैज्ञानिक पुरस्कार” प्राप्त किया।

त्रिशूल सतह प्रणाली के सदस्य के रूप में उन्होंने एकीकृत मार्गनिर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी), हैदराबाद की परियोजना त्रिशूल की सतह प्रणाली के इंपेक्ट पॉइंट प्रेडिक्टर, सिमुलेटर एवं स्वचालित चेक-आउट उप-प्रणाली, कमांड इन्कोडर, फेज़ संवेदनशील डिटेक्टर एवं चेंज-ओवर लॉजिक उप-प्रणालियों केअभिकल्पन एवंविकास में योगदान दिया। वे उड़ान परीक्षण दल के एक प्रमुख सदस्य थे एवं उन्होंने आईटीआर, चाँदीपुर तथा आईएनएस द्रोणाचार्य, कोची में त्रिशूल प्रक्षेपास्त्र के 51 उड़ान परीक्षणों में भी भाग लिया। उन्होंने 1989 में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा “एकीकृत मार्गनिर्देशित प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) में महत्त्वपूर्ण योगदान” के लिए प्रशंसा प्राप्त की।

इन्होंने वरुणा के परियोजना निदेशक के रूप में आधुनिक ईसीएम प्रणाली, वरुणा के प्रयोगशाला प्रतिमान, अभियांत्रिकी प्रतिमान एवं उत्पादन प्रणाली को सफलतापूर्वक साकार करने के लिए परियोजना दल का नेतृत्व किया। उन्होंने मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु तथा आईएनएस खंजर पर वरुणा अभियांत्रिकी प्रतिमान एवं तत्पश्चात् नौसेना-जहाजों पर प्रथम व द्वितीय वरुणा उत्पादन प्रणालियों के प्रतिष्ठापन हेतु अभिकल्पन दलों का मार्गदर्शन किया।उन्होंने नौसेना-जहाजों पर उपस्थित रहकर अभियांत्रिकी प्रतिमान एवं प्रथम व द्वितीय उत्पादन प्रणालियों के बंदरगाह स्वीकृति परीक्षणोंऔर सागर स्वीकृति परीक्षणों की सफल संपन्नतासुनिश्चित की।

श्री एन. श्रीनिवास राव ने ईएसएम प्रणाली वरुणा के अभिकल्पन एवं विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा भारतीय नौसेना द्वारा उसकी स्वीकृति (जिसके फलस्वरूप 18 वरुणा ईएसएम प्रणालियों का समावेशन हुआ) में उत्कृष्ट योगदान के लिए दल नेता के रूप में “आत्मनिर्भरता हेतु अग्नि पुरस्कार 2014” प्राप्त किया। नौसेना ने 23 अतिरिक्त वरुणा प्रणालियों के उत्पादन आदेश दिये हुए हैं।

इन्हें जून 2017 मेंनौसेना ईडब्ल्यूकार्यक्रम समुद्रिका के प्रोग्राम निदेशक के रूप मेंतथा जुलाई 2017 मेंनौसेना परियोजनाओं के अपर निदेशक के रूप में निदेशालय प्रमुख नियुक्त किया गया। उन्हें अगस्त 2017 में वैज्ञानिक ‘एच’ के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंनेसमुद्रिका कार्यक्रम के लिएसात ईडबल्यू/ईएसएम प्रणालियों एवं उपयोक्ता मूल्यांकन परीक्षणों के अभिकल्पन व विकास की प्रगति हेतु तथा डीएलआरएल की नौसेना परियोजनाओं के अभिकल्पन, विकास, प्रणाली एकीकरण एवं मूल्यांकन गतिविधियों के लिए नौसेना परियोजना प्रमुख के रूप मेंविभिन्न दलों का नेतृत्व किया है। नौसेना ने अभी तक समुद्रिका कार्यक्रम की शक्ति, नयन एवं सारंग प्रणालियों के उत्पादन का आदेश दे दिया है। शक्ति एवं नयन उत्पादन प्रणालियों को समाविष्ट कर लिया गया है।

श्री एन. श्रीनिवास राव ने 01 अप्रैल 2022 को निदेशक, डीएलआरएल के रूप में पदभार ग्रहण किया तथा ट्राई-सर्विसेज़, एसआई निदेशालय, पैरा-मिलिट्री बलों आदि के लिए समसामयिक ईडब्ल्यू प्रणालियों के विकास हेतु दलों का नेतृत्व करते हुएडीएलआरएल का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्हें 22 मई 2023 को विशिष्ट वैज्ञानिक के रूप में पदोन्नत किया गया है।

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