रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएलआरएल) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में 1961 में स्थापित किया गया था। अपनी शानदार यात्रा में डीएलआरएल ने तकनीकी उपकरणों से बहुत उन्नति, खोज और कई क्षेत्रों में विकास किया है। प्रयोगशाला ने संचार और रडार आवृत्ति बैंड्स के विकास के साथ, ईडब्ल्यू तकनीक और प्रणालियों के क्षेत्र में सफलतापूर्वक अनुसंधान और विकास किया है। प्रयोगशाला ने सशस्त्र बलों की तेजी से बदलती संचालन आवश्यकताओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन और विकसित कई विश्व स्तरीय ईडब्ल्यू प्रणालियां बनाई हैं और विश्वास के साथ इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ रहा है। इसने न केवल देश की महंगी विदेशी मुद्रा को बचाया है, बल्कि उनके संचालन और रखरखाव पर भी ध्यान दिया है। प्रयोगशाला सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), शैक्षणिक संस्थानों और घटक, उप-प्रणाली और प्रणाली के विकास में विभिन्न अन्य निजी उद्योगों के साथ काम कर रही है। विभिन्न उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्मों पर निर्बाध रूप से तकनीक का हस्तांतरण और सफल उत्पादन एवं स्थापना के लिए समवर्ती इंजीनियरिंग कार्यप्रणालियों का पालन किया जा रहा है। प्रयोगशाला गुणवत्ता पर बहुत ध्यान देती है और इसकी सभी गतिविधियों के लिए इसे आईएसओ 9001-2015 प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया है।
डीएलआरएल ने बड़ी संख्या में अत्याधुनिक घटक, उप-प्रणाली और प्रणाली डिजाइन, डेवलप और इनका उत्पादन किया है। विकसित की गई कुछ महत्वपूर्ण तकनीक, घटक और उप-प्रणाली एंटीना और रेडोम, आरएफ सुपर घटक, खुफिया संग्रह और सिग्नल विशेषता माप के लिए कई प्रकार के ईडब्ल्यू रिसीवर, ईसीएम के लिए हाई पावर ट्रांसमीटर, जैमर्स के लिए डिजिटल और एनालॉग फ़्रीक्वेंसी मेमोरी लूप, उच्च वोल्टेज कॉम्पैक्ट पावर सप्लाई, ईएसएम / ईएलआईएलएनटी प्रोसेसर्स, प्रणाली नियंत्रकर और ईडब्ल्यू डिस्प्ले हैं। डीएलआरएल ने रडार और संचार जैमिंग प्रणाली के साथ-साथ सफलतापूर्वक एयर-बोर्न, शिप-बोर्न, ग्राउंड और सबमरीन आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ईएलआईएनटी), कम्यूनिकेशन इंटेलिजेंस (सीओएमआईएनटी) फैमिली विकसित की है। प्रयोगशाला के क्रेडिट में एयरोस्टेट, यूएवी और सैटेलाइट्स इत्यादि के लिए कॉम और रडार ईडब्ल्यू पेलोड्स सफलतापूर्वक स्वीकृति भी है।
जटिल ईडब्ल्यू प्रणाली के परीक्षण और आकलन के लिए अधिक बुनियादी ढांचा परीक्षण और आकलन सुविधाओं की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स इंजीनियरिंग सेंटर (ईएलएसईसी) नाम का एक दूसरा कैंपस वर्ष 1998 में डीएलआरएल के विस्तार के रूप में स्थापित किया गया था। वर्तमान और भविष्य के कार्यक्रमों के महत्वपूर्ण एकीकरण और आकलन आवश्यकताएं पूरा करने के लिए, 200 एकड़ में फैले इस केंद्र का अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा है। जटिल ईडब्ल्यू प्रणाली और खतरे के पर्यावरण परिदृश्यों के सिमुलेशन के लिए ईएलएसईसी में आधुनिक ईडब्ल्यू प्रणाली सिमुलेशन और प्रतिरूपण सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। विभिन्न ईडब्ल्यू प्रणालियों के डिजाइन और विकास में डीएलआरएल द्वारा किया गया अनुसंधान और विकास के प्रयास का परिणाम भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, एसआई निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा दी जाने वाली सेवा में उपलब्ध कई सारे प्रणाली का उत्पादन और संचालन है।
आईएसओ 9001:2015 प्रमाणन:
गुणवत्ता नीति
डीएलआरएल समय पर उन्नत और लागत-प्रभावी तकनीक और प्रणाली उपयोग कर रक्षा सेवाओं के लिए निश्चित गुणवत्ता का इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली का डिजाइन और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। डीएलआरएल अपने सतत सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की शर्तों का पालन करेगा।