नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) बायोमेडिकल और क्लिनिकल रिसर्च के क्षेत्र में विकिरण, न्यूरोकिग्निटिव इमेजिंग और सीबीआरएन रिसर्च के संदर्भ में काम कर रहा है। इनमास के…
अधिक जानिएइनमास की दृष्टि, सशस्त्र बलों के लिए विकिरण प्रत्युपायों के विशेष संदर्भ के साथ जैवचिकित्सा अनुसंधान में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में, चिन्हित की गई है।
इनमास का मिशन विकिरण जैवविज्ञान, नॉन-इनवेसिव इमेजिंग तथा नाभिकीय चिकित्सा दृष्टिकोणों के उपयोग द्वारा तंत्रिकाबोध और विकिरण प्रत्युपायों के लिए उत्पादों, प्रक्रमों तथा प्रौद्योगिकियों का विकास करना है।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कहने पर 1956 में रक्षा विज्ञान प्रयोगशाला, दिल्ली में एक विकिरण प्रकोष्ठ की स्थापना की गई थी। इसे नामिकीय और व्यापक विनाश के अन्य हथियारों के प्रयोग से होने वाले परिणामों के संबंध में अध्ययन करने का प्रारंभिक कार्य सौंपा गया था। लेकिन जल्दी ही यह महसूस किया गया कि नामिकीय ऊर्जा मानव के कल्याण के लिए भी काम में लाई जा सकती है।