उच्च उन्नतांश अनुसंधान रक्षा संस्थान (DIHAR) - उपलब्धियां
वनस्पति विज्ञान
स्थानीय, उपस्थानीय और संयमित वनस्पतियों सहित 65 प्रकार की वनस्पतियों के लिए मानक कृषि-तकनीकें (जैविक रूप से)। इन सभी फसलों के लिए उपयुक्त किस्में/मिश्रित की भी पहचान की गई थी।
पार्स्ले, सेलेरी, सरदा मेलन, जापानी बंचिंग प्याज़, मीठी शलजम, करम साग, चेनोपोडियम और लहसुन जैसी नई वनस्पति फसलें इजाद की और कृषि व्यवहारों को मानकीकृत किया।
वनस्पति फसलों के लिए बीज उत्पादन तकनीकें मानकीकृत और प्रदर्शित की गईं थीं
लहसुन एरियल ट्रू टू टाइप बीज बुलबिल तकनीक जो 15 q/ h तक रोपण सामग्री बचाती है, का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया था।
कम लागत के दोहरे वॉल वाले पोलिएंशेज़ और ट्रेंशेज़ सहित सोलर आधारित ग्रीनहाउसों को डिज़ाइन किया गया था और पूरे वर्ष वनस्पति कृषि के लिए इसकी उपयुक्तता को मानकीकृत, प्रदर्शित और उसका प्रसार किया गया।
पूरे वर्ष वनस्पति कृषि के लिए करगिल और सियाचिन सहित एलओसी के साथ ग्रीनहाउसों को पहले ही स्थापित कर दिया गया है।
ड्रिप, स्प्रिंकलर के साथ एकीकृत सिंचाई प्रणाली के साथ सीढ़ीदार खेती की स्थापना की और जल प्रयोग क्षमता का अध्ययन किया और 50 प्रतिशत जल बचत की स्थापना की।
अत्यधिक सर्दियों के दौरान नाशवान वनस्पतियों के संग्रहण के लिए भूमिगत संग्रहण तकनीकों का विकास और प्रदर्शन किया गया था।
स्थानीय कृषक को-ऑपरेटिव/विपणन सोसाइटी के माध्यम से एल सेक्टर में आर्मी तैनाती की कुल मांग की 50 प्रतिशत वनस्पति आपूर्ति प्राप्त की।
स्थानीय लोगों के लिए प्रसार हेतु एलएएचडीसी द्वारा एफआरएल ग्रीन हाउस तकनीक को स्वीकार किया गया और प्रति ग्रीनहाउस रू.50000 की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
त्रि-स्तरीय पॉलीकार्बोनेट ग्रीन हाउस जल्दी बीजारोपण के लिए सबसे उपयुक्त हैं अर्थात् जल्दी फसल लेने और 300 प्रतिशत फसल तीव्रता को भी सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल का प्रथम सप्ताह।
बागबानी एवं पश्च फसल तकनीक
शीत शुष्क लद्दाख से देशी अखरोट के 54 जीनटाइप का सर्वेक्षण, पहचान, मूल्यांकन और संरक्षित किया गया।
ग्राफ्टिंग, चिप बडिंग और टॉप वर्किंग द्वारा अखरोट में प्रजनन का विकसित वनस्पति तरीका।
सीयन बड वुड और अखरोट का संतति उपवन स्थापित किया।
ग्राफ्टिंग और बडिंग के माध्यम से सेब के लिए मानक प्रजनन तकनीकें।
अखरोट, सेब, सीबकथोर्न, चेरी, वॉलनट, स्ट्रॉबेरी, मलबेरी का जीन बैंक स्थापित किया।
नेक्टर, जैम, जेली, जूस, नेक्टर/आरटीएस, प्यूरी, हर्डल तकनीक, मध्यवर्ती आर्द्रता, बार आदि के उत्पादन के लिए निम्न गुणवत्ता के अखरोट के लिए प्रोसेसिंग/मूल्य जोड़ तकनीकें विकसित कीं, जिनमें औद्योगिक संभावनाएं हों।
सीबकथोर्न, शीत मरुस्थल का चमत्कारी पौधा, जो दूरस्थ संवेदन तकनीक का उपयोग करता है, के अंतर्गत परिवर्तनीयता और क्षेत्र का पर्यवेक्षण किया।
सीबकथोर्न के फलों से हर्बल पेय पदार्थ बनाने के लिए तकनीक विकसित की। पेय पदार्थ विटामिन ए, सी, बी, के एवं ई से भरपूर हैं और -22 डिग्री सेंटिग्रेड तक फ्रीज़ नहीं होते। क्योंकि उत्पाद आयु-रोधी और तनाव-रोधी गुण हैं, इसे भारतीय आर्मी की विशेष खुराक में शामिल किया जा चुका है। तकनीक को 4 विक्रेताओं को हस्तांतरित किया और वे वाणिज्यिक रूप से हर्बल पेय पदार्थ बना रहे हैं।
जैम, सॉस, प्यूरी, अचार, च्यवनप्राश और सीबकथोर्न के अन्य पेय पदार्थों के लिए भी तकनीक विकसित की, जिसे वाणिज्यिक पैमाने पर काम में लाया जाएगा।
प्रयोग में, सौर पॉलीहाउस ड्रायर, टनल ड्रायर, एलपीजी ड्रायर्स, क्षेत्र के अतिरिक्त फल और सब्जियों की वैज्ञानिक निर्जलीकरण के लिए ड्रायर जैसे निम्न लागत के ड्रायर को डिज़ाइन और विकसित किया।
पौधे को नुकसान पहुंचाए बिना सीबकथोर्न फल संग्रहण के लिए यांत्रिक हारवेस्टर विकसित किया।
आदर्श आइडियोटाइप विकसित करने के लिए कोलशीन ट्रीटमेंट के माध्यम से सीबकथोर्न के पोलीप्लोइड विकसित किए।
कम थोर्न से इंटरजेनेरिक (इलेगनस एसपी) ग्राफ्टिंग तकनीक के माध्यम से ग्राफ्टिड सीबकथोर्न विकसित किया।
क्षेत्र में फोरिकल्चर इंडस्ट्री विकसित करने के लिए प्रयोगशाला ने ग्लेडिओलस, एसियाटिक लिलियम, अपने वाणिज्यिक कार्नेशन के लिए एसियाटिक लिलियम के संशोधित किस्मों की खेती को इजाद और उसका प्रदर्शन किया।
एफआरएल को एफपीओ लायसेंसिंग के लिए मुख्य केंद्र के रूप में पंजीकृत किया गया है और एफपीओ लाइसेंस नं 19066 दिया गया है।
यांत्रिक और खुश्बूदार पौधे
औषधीय एवं खुश्बूदार पौधों पर ध्यान देकर लद्दाख और लाहौल-स्पीति के वनस्पतिक पूंजी का सर्वेक्षण, उसकी पहचान और उसका दस्तावेज़ीकरण किया गया।
दुर्लभ, संकटापन्न और खतरे में पड़े औषधीय एवं खुश्बूदार पौधे अर्थात् एकॉनिटम एसपी, इफेड्रा एसपी, इनुला एसपी, पोडोफीलम एसपी को एक्स सिटू के रूप में सूचीबद्ध और संरक्षित किया गया था।
वाणिज्यिक कृषि के लिए 30 उच्च उन्नतांश औषधीय एवं खुश्बूदार पौधों की उत्पत्ति और कृषि के लिए तकनीकें विकसित की गईं थीं।
अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए 50 औषधीय एवं खुश्बूदार पौधों का उच्च पर्वतीय हर्बल बाग स्थापित किया गया।
चरक कार्यक्रम के अंतर्गत उच्च उन्नतांश रोगों के लिए हर्बल औषधी विकसित करने के लिए हिप्पोफे एसपी, रोडिओला एसपी, पोडोफिलम एसपी जैसे उच्च उन्नतांश औषधीय एवं खुश्बूदार पौधों के लिए फीटोकेमिकल अध्ययन किया गया।
सीबकथोर्न के गूदे और बीज से तेल निकालने को मानकीकृत किया गया और भौतिक-रासायनिक गुणों का अध्ययन किया गया।
81 विशेषताओं पर आधारित सीबकथोर्न के लिए डिज़ाइन किया गया।
आवश्यक तेलों को इनके वाणिज्यिकरण के लिए उच्च उन्नतांश खुश्बूदार पौधों अर्थात् आर्टेमिनिसिया एसपी, ड्रेकोसेफेलम एसपी, मेंथा एसपी, साल्विया एसपी, टेनासिटम एसपी से निकाला गया था।
औषधीय डीआरडीओ हर्बल चाय को उच्च उन्नतांश औषधीय एवं खुश्बूदार पौधों के उपयोग से बनाया गया था। तकनीक को वाणिज्यिक उत्पादन के लिए हस्तांतरित किया गया और उच्च उन्नतांश पर आर्मी की खुराक में शामिल किया गया।
हर्बल क्षुधावर्धक को उच्च उन्नतांश औषधीय पौधों के उपयोग से बनाया गया और विषैलेपन की जाँच की गई जिसमें इसे विषैला नहीं पाया गया। चिकित्सीय अध्ययन प्रगति पर हैं।
बायोटेक्नोलॉजी
19 देशी सीबकथोर्न जर्मप्लाज़्म की आणविक परिवर्तनीयता का अध्ययन किया गया और पांच आनुवांशिक विविधता वाले समूह मिले।
स्टेविया, आर्टेमिसिया और स्ट्रॉबेरी के लिए मानकीकृत सूक्ष्मप्रजनन प्रोटोकॉल।
लेह मृदा से वियुक्त 25 ग्राम सकारात्मक/केटालेज़ तनन, जो pH 6.8 -11.0 पर विकसित किए जा रहे हैं और 2.5 � 7.0 % अम्ल सांद्रणों पर भी वृद्धि करने में सक्षम है। तीन वियुक्त, हाइड्रोलीज़, केसीन में सक्षम हैं, अन्य 04 स्टार्च और 13 वियुक्त जिलेटिन को हाइड्रोलाइज़ करने में सक्षम हैं
52 अखरोट जर्मप्लाज़्म का प्रोटिन प्रोफिलिंग किया गया था।
मुर्गीपालन
मांस और अंडों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए शीत शुष्क मुर्गीपालन उत्पादन तकनीक का विकास किया।
सौर ऊर्जा का उपयोग करने, पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने और उत्पादन की अधिकतम लागत प्राप्त करने के लिए उच्च उन्नतांश के लिए उपयुक्त सौर मुर्गीपालन हाउसिंग प्रणाली का विकास किया।
मांस का वैकल्पिक स्रोत लाया गया अर्थात् लद्दाख क्षेत्र में तुर्कीज़। वैकल्पिक मांस के स्रोतों के लिए प्रयोगकर्ताओं की स्वीकार्यता के लिए परीक्षण किया गया और सर्दियों के दौरान बॉयलर के बदले आर्मी के लिए तुर्की को स्वीकार्य पाया गया।
प्रतिपादित संतुलित और सस्ता मुर्गीपालन खाना, उच्च उन्नतांश, शीत शुष्क परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है और उसके द्वारा एस्साइट्स और पौष्टिक कमी के कारण होने वाली बीमारियों के मामलों को कम करता है।
मुर्गीपालन उत्पादन को छोटे स्थानीय मुर्गीपालन कृषकों के माध्यम से मुख्य तकनीकी समर्थन प्रदान करके बढ़ाया जा रहा है।
पुनरूद्धार कार्यक्रम के लिए गोरखा ट्रूप्स को प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के उद्देश्य से जीआरटीयू रायवाला में 400 पक्षियों की क्षमता का बॉयलर यूनिट स्थापित किया गया। नस्ल विकास के लिए इच्छित जीनोटाइप का चयन करने के लिए 3 वे क्रॉसेज़ के माध्यम से स्थानीय एक्स वाणिज्यिक बॉयलर्स के क्रॉसब्रेड मुर्गे बनाए गए।
डेयरी
स्थानीय गायों को प्राकृतिक सेवा प्रदान करके प्रमाणित प्रजनक द्वारा स्थानीय पशु में सुधार करना और कृत्रिम वीर्यारोपण जैसी पुन:उत्पादन तकनीकों में सहायता को अपनाना।
लद्दाख क्षेत्र के लिए डेयरी फार्मिंग तकनीकों को स्थानीय कृषकों के लिए वंशावली बछड़ों के वितरण कार्यक्रम द्वारा विकसित और वीर्यारोपण किया गया था।
चिकित्सीय निदान और उपचारात्मक सुविधाओं को स्थानीय कृषकों के लिए वीर्यारोपित किया गया था।
एल क्षेत्र में नियुक्त ट्रूप्स के लिए ताज़ा दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
भेड़ और बकरी
शीत मरूस्थलों में भेड़ और बकरी के प्रजनन और पालन-पोषण के लिए व्यवहारों का पैकेज विकसित किया।
मुज़फ्फरनगर, चंगथंगी और इसके पारस्परिक और साथ ही पश्मीना चेगू बकरी के F1�s (ब्रॉयलर भेड़) बनाए।
ब्रॉयलर भेड़ अर्थात् मुज़फ्फरनगर चंगथंगी की F1�s oकोतेज़ीसेबढ़नेवालीभेड़पायागया।
अश्वीय प्रजनन
लद्दाख के स्थानीय अश्वीय जर्मप्लाज़्म (ज़ंकसेर टट्टू) का संरक्षण, गुणक और सुधार किया जा रहा है।
ज़ंकसेर टट्टू और संतति का जेनेटिक चरित्र-चित्रण सूक्ष्मतम चरित्र-चित्रण द्वारा किया जा रहा है।
क्रॉसब्रेड अश्वीय (ज़ंकसेर घोड़ियां एक्स हाफ टिकाउ नर घोड़ा) और खच्चर (ज़ंकसेर घोड़ियां एक्स गधा नर घोड़ा) बनाए गए।
ज़ंकसेर टट्टू, जीएस खच्चर और जीएस घोड़ियों के तुलनात्मक प्रदर्शन का मूल्यांकन उच्च उन्नतांश पर किया गया और ज़ंकसेर नस्ल को जीएस खच्चर और घोड़ियों से श्रेष्ठ पाया गया।
लद्दाख प्रहरी के लिए घोड़ियों और उनके बच्चों का प्रशिक्षण उनकी वार्षिक अपव्यय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया था।
पैक पशुओं के कायम प्रदर्शन के लिए उनके सामान्य स्वास्थ्य और स्थिति को प्रभावित किए बिना अश्वीय प्रबंधन व्यवहारों का पैकेज शामिल।
ज़ंकसरी घोड़ियों को �L� क्षेत्र में जीएस खच्चरों/घोड़ियों की स्थान पर आर्मी को दिया जा रहा है।
�एल� क्षेत्र को हरा रखने में सहयोग दिया जिसका परिणामस्वरूप इको-पर्यावरण सुधार हुआ।
पोपुलस, सेलिक्स, इलेगनस, अल्मस और सिरिंगा जैसी वन प्रजातियों की प्रजनन तकनीकों का मानकीकरण।
शीत शुष्क कृषि-पशु तकनीक पर डेटाबेस विकासित।
कृषि-पशु गतिविधियों पर नियमित प्रशिक्षण अर्थात् वनस्पति संवर्धन, वनस्पति नर्सरी बढ़ाना, सबज़ीरो वनस्पति संवर्धन के लिए ग्रीनहाउस संवर्धन, असाधारण वनस्पतियों का संवर्धन, गुणवत्ता का वनस्पति बीज उत्पादन, अधिकता वनस्पति की प्रोसेसिंग, वनस्पति और फलों की प्रोसेसिंग, मुर्गीपालन पालन-पोषण और उत्पादन, ओपी सद्भावना, एनजीओ और जनसाधारण के तहत ट्रूप्स और स्थानीय लोगों के लिए डेयरी प्रबंधन।
विस्तारित सेवाएँ
निम्न के द्वारा कृषि-पशु तकनीकों से रोपण करना:
साहित्यिक वितरण, फार्म प्रदर्शन, प्रशिक्षण एवं सलाह देना, किसान जवान विज्ञान मेला आयोजित करना।
सुधारे गए मूल इनपुट्स वितरित करना
रेडियो और टीवी वार्तालाप
पेटेंट्स
सीबकथोर्न फलों के बहुविटामिन हर्बल पेय पदार्थ की तैयारी की प्रक्रिया।
सीबकथोर्न के फलों के हर्बल जैम की तैयारी की प्रक्रिया
ट्रांस-हिमालयन हर्ब्स से डीआरडीओ हर्बल चाय का निर्माण
रेडियो रक्षा हर्बल तत्व की तैयारी की प्रक्रिया।
शीत मरूस्थलीय क्षेत्र में सर्दियों के दौरान वनस्पतियों के संग्रहण के लिए अत्यधिक ठंडी परिस्थितियों को संयत करने के लिए भूमिगत ढांचा।
सबज़ीरो तापमान में वनस्पति उत्पादन के लिए सौर आधारित अर्ध भूमिगत ग्रीनहाउस तकनीक
अधिकता वनस्पति और फलों को सुखाने के लिए सौर पॉलीहाउस ड्रायर का डिज़ाइन
डबल वॉल पोलेन्च ग्रीनहाउस
विस्तारित फोल्डर्स
एक नज़र में एफआरएल
लद्दाख में स्ट्रॉबेरी संवर्धन
लद्दाख में ग्लाडिओलस संवर्धन
सीबकथोर्न-लद्दाख में हरियाली की एक उम्मीद
वन रक्षक के लिए रोपण युक्तियां
लद्दाख में पौध विविधता
भारतीय शीत मरूस्थल (लद्दाख एवं लाहौल स्पीति) की औषधीय एवं खुश्बूदार पूंजी
शीत मरूस्थल लद्दाख में कुकरबिट्स संवर्धन की तकनीकें
लद्दाख में वनस्पतियां उगाने के लिए सांस्कृतिक युक्तियां
लद्दाख में बटेर पालन-पोषण
लद्दाख मे ब्रायलर उत्पादन के लिए युक्तियां
लद्दाख के चारा पौधे
लद्दाख में अल्फाल्फा उत्पादन
अखरोट में प्रजनन तकनीकें
लद्दाख में लिलियम की शुरुआत करना
उच्च उन्नतांश शीत शुष्क क्षेत्रों में वनस्पति उत्पादन के लिए सौर ग्रीनहाउस तकनीकें
पहचान और कृषि तकनीकों के लिए वार्षिक फूलों पर पोस्टर।
शोध पेपर्स
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