हेलीकॉप्टर्स
डीएमआरएल ने लांसर हेलीकाप्टरों के लिए रानाकली नामक नई जेनेरेशन लेयर वाले मिश्रित कवच को सफलतापूर्वक विकसित किया है। टाइटेनियम मिश्रधातु-सिरेमिक-पॉलिमर-आधारित वजन में हल्के मिश्रण 7.62 बॉल, 7.62 एपी और 12.7 एपी की युद्धक सामग्रियों के सापेक्ष हेलीकॉप्टरों के महत्वपूर्ण हिस्सों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। सेवा में रहते हुए, इस कवच ने सफलतापूर्वक हमलों का सामना किया और इनके सामने डटा रहा।
डीएमआरएल ने स्वदेशी सिरेमिक कवच को भी विकसित किया है, जो कि Mi-17-1V हेलीकॉप्टर के लिए आयातित स्टील कवच की तुलना में काफी हल्का है। इस कवच ने भारतीय वायु सेना के वांछित विनिर्देशों को पूरा किया, जिसने हेलीकाप्टरों में इसके उपयोग के लिए अनंतिम मंजूरी प्रदान की। प्रौद्योगिकी को एमआईडीएचएएनआई को हस्तांतरित कर दिया गया है और उत्पादन शुरू हो चुका है। डीएमआरएल लाइट कॉम्बैट हेलीकाप्टर (एलसीएच) के लिए हल्के सिरेमिक कवच के विकास पर भी काम कर रहा है।
बॉडी आर्मर डीएमआरएल ने छोटे हथियारों के फायर से होने वाले जोखिम से हमारे जवानों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा करने के लिए सैन्य और अर्धसैनिक बलों हेतु जैकल बॉडी कवच विकसित और वितरित किया है। बुलेटप्रूफ अनुप्रयोगों हेतु सामरिक एवं महत्वपूर्ण सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में जैकल स्टील के विकास ने एक प्रमुख रिक्तता को पूरित किया है। जैकल स्टील से बने रक्षक जैकेट, 7.62 एसएलआर और एके-47 राइफल की गोलियों को रोक पाने में बहुत अधिक प्रभावी पाए गए हैं, जब इनके द्वारा करीबी दायरे से फायर किया गया। इनमें से हजारों जैकेट पहले से ही उपयोग में हैं, इस प्रकार कीमती मानव जीवन के साथ-साथ विदेशी मुद्रा की भी बचत होती है।
डीएमआरएल में इस स्टील और कुछ हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) के प्रौद्योगिकीय प्रसंस्करण के विकास के फलस्वरूप, जिसमें अर्धसैनिक बलों द्वारा किए गए सफल उपयोगकर्ता परीक्षण भी शामिल है, स्वदेशीकरण के माध्यम से बुलेटप्रूफ वाहनों के उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।