प्रयोगशाला, धातु संबंधी सामग्री, चीनी मिट्टी और उनके मिश्रण की विस्तृत श्रेणियों के लिए संरचनात्मक और कार्यात्मक अनुप्रयोगों हेतु, बुनियादी अनुसंधान से लेकर पायलट पैमाने के उत्पादन तक सामग्री विकास गतिविधियों की लगभग पूरी प्रक्रिया में कार्यरत रहती है। कुछ मामलों में, घटक / प्रक्रिया का विकास सार्वजनिक / निजी क्षेत्र में उत्पादन एजेंसियों के साथ संयुक्त रूप से किया जाता है। अन्य मामलों में, प्रयोगशाला में पायलट पैमाने पर उत्पादन स्थापित करने के बाद, हस्तांतरण प्रौद्योगिकी (टीओटी) के माध्यम से उत्पादन सक्षम होता है। पिछले कुछ वर्षों में, डीएमआरएल ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों की प्रणाली प्रयोगशालाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई प्रौद्योगिकियों को विकसित और परिपक्व किया है। कुछ प्रौद्योगिकियां नागरिक उपोत्पाद भी पाई गई हैं।
सभी गतिविधियों को विश्वव्यापी प्रवृत्तियों और स्वदेशी संसाधन क्षमता के साथ मिलाकर सावधानी से तैयार किए गए परिप्रेक्ष्य अनुसंधान एवं विकास योजनाओं से निर्गत किया गया है। कुछ कार्यक्रमों ने उन्नत सामग्रियों के लिए प्रौद्योगिकियों की स्थापना और प्रौद्योगिकी एवं वैज्ञानिक कौशल की उच्च क्षमता वाले उत्कृष्टता के कार्य केंद्रों का समापन किया गया है। डीएमआरएल की उन्नति ने देश में नई प्रौद्योगिकी और उत्पादन केंद्रों के निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। वे हैं - मिश्र धातू निगम (मिढानी), अलौह प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (एनएफटीडीसी) और पाउडर धातुकर्म और नई सामग्री के लिए अंतर्राष्ट्रीय उन्नत अनुसंधान केंद्र, ये सभी हैदराबाद में हैं और भारी मिश्र धातु पेनेट्रेटर संयत्र (एचएपीपी), आयुध कारखाना तिरुचिरापल्ली में है। आज, वे स्वंय में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण संस्थान हैं।