अंतर्राष्ट्रीय मान्यताः ओपीसी डब्ल्यु द्वारा आयोजित इक्कीसवें सक्षमता परीक्षण में ग्रेड 'ए' प्राप्त किया। इस परीक्षण में 18 देशों ने भाग लिया और उनमें से केवल तीन से ग्रेड ए प्राप्त किया। डीआरडीई उनमें से एक ऐसी प्रयोगशाला थी जिसने ग्रेड 'ए' प्राप्त किया। यह उल्लेखनीय है कि डीआरडीई की वर्टाक्स प्रयोगशाला ही देश की एक ओपीसीडब्ल्यू नामजद प्रयोगशाला है।
रक्षा सेनाओं द्वारा अपने सिपाहियों की सुरक्षा के लिए एक बहु कीट प्रतिरोधी डेपा स्प्रे को स्वीकार किया गया है। डेपा को एक छिड़काव, क्रीम और एक सुंगधित थैली के रुप में सिविल और सेना दोनों के प्रयोग के लिए निर्मित किया गया है।
आटोजेक्ट इंजेक्टरों का नया संशोधित रूपांतरण भी विकसित किया गया है और इसके निष्पादन का मूल्यांकन हाइ एल्टीट्यूड क्षेत्रों में किया गया है (14000 से 18000 फिट की ऊंचाई)। व- केटोग्लुटैरेट के लिए पशुओं के सभी अध्ययन पूरे हो चुके हैं और अब वह भारत के भेषज महानियंत्रक के पास फेज I के नैदानिक परीक्षण के निकासी के लिए पड़ा है।
पशु देखभाल और अनुरक्षण अत्याधिक सफल रहा जो हमारे आरएडडी गतिविधियों के लिए प्रमुख विषय था। डीआरडीई द्वारा विकसित किए गए ऊनी कपड़ों को काटने वाला कपड़ कीडा़ रोधक को आर्डनैंस डिपो में गर्मकपड़ों के बचाव के लिए इस्तेमाल करने के लिए स्वीकृत किया गया।
मलेरिया निदान के लिए फाल्सिपिन किट का मूल्यांकन राष्ट्रीय मलेरिया संस्थान (आईसीएमआर) क्षेत्र स्टेशन गोआ में किया गया। किट 100% संवेदनशील एवं विशिष्ट पाया गया। उच्च तुंगता (हाइ एल्टीट्यूड) क्षेत्र के जैवसंग्रहक और रेलवे जैवसंग्रहक सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं