
माइक्रोवेव टैक्नोलॉजी का रक्षा क्षेत्र में अहम् योगदान
- Name of Author : श्री अवधेश कुमार शुक्ला
- Pages: 368
- ISBN : 978.93.94166.49.3
- Language : हिंदी
- Product Dimension : 6.25 X 9.5 in
- Publisher : DESIDOC
- Year of Publishing : 2025
मोनोग्राफ के बारे में
यह मोनोग्राफ पूरे माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम (3 GHz - 100 GHz यानी 100 mm - 3 mm तरंग दैर्ध्य रेंज, के अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास परिदृश्य को संबोधित करता है जिसमें मिलीमीटर तरंगों का परिचय और इसका इतिहास, विद्युत चुम्बकीय सिद्धांत, उपकरणों, घटकों और प्रणालियों की समीक्षा शामिल है। उपकरणों पर प्रौद्योगिकी में ट्यूब और सेमीकंडक्टर दोनों प्रकार के जनरेटिंग उपकरण शामिल होंगे, जैसे मल्टी-कैविटी मैग्नेट्रॉन, गाइराट्रॉन, मल्टी-कैविटी क्लिस्ट्रॉन, रिफ्लेक्स क्लिस्ट्रॉन, टीडब्ल्यूटी, आईएमपीएटीटी स्रोत, गन स्रोत, निष्क्रिय घटक और मिक्सर, डिटेक्टर आदि जैसे प्राप्त करने वाले घटक। रक्षा सेवाओं के लिए उपयोगी माइक्रोवेव सिस्टम प्रौद्योगिकी को विस्तृत रूप बताया गया है।
लेखक के बारे में
श्री अवधेश कुमार शुक्ला रक्षा मंत्रालय के डीआरडीओ में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुप्रयोग प्रयोगशाला (डीईएएल) के पूर्व वैज्ञानिक ‘जी’ हैं। उनकी शिक्षा में 1974 में बी एस सी (पी सी एम) और 1978 में जे.के. इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार) और नई दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियर्स संस्थान (आई ई टी ई) के फेलो शामिल हैं।
ये 1979 में डीआरडीओ में शामिल हुए, मिलीमीटर तरंग घटकों के स्वदेशीकरण के माध्यम से मिलीमीटर तरंग और माइक्रोवेव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, इन्होंने परियोजना निदेशक के रूप में सक्रिय और निष्क्रिय मिमी तरंग घटकों के डिजाइन और विकास की अवधारणा की और स्वदेशी घटकों का उपयोग करते हुए, देश में पहली बार 140 गीगाहर्ट्ज मिलीमीटर तरंग इमेजिंग सेंसर विकसित किया। इन्होंने परियोजना निदेशक के रूप में रक्षा बलों के लिए ग्राउंड सेगमेंट संचार प्रौद्योगिकी के लिए का-बैंड सैटकॉम प्रौद्योगिकी की अवधारणा, डिजाइन और विकास भी किया। डीआरडीओ के कोड कार्यक्रम के तहत परियोजना प्रबंधक के रूप में टीओटी के माध्यम से सक्रिय/निष्क्रिय मिलीमीटर तरंग घटकों का स्वदेशीकरण किया।