गतिरोधक रेंज – छोटे हथियारों के अभ्यास फायरिंग के लिए अच्छा समाधान
गतिरोधक रेंज, भ्रमित गोलियों को रोकने के लिए जमीनी बाधाओं, साइड की दीवारों, चक्कर में डालने वाली दीवारों और स्टॉप बट के एक प्रणाली की तात्कालिक अवधारणा का इस्तेमाल करता है। विशिष्ट अवस्थिति पर उपयुक्त डिजाइन का बैलिस्टिक सुरक्षात्मक संरचना (अर्थात, चक्कर में डालने वाली दीवारें, बगल की दीवारें, जमीनी बाधाएं, स्टॉप बट आदि) और रेंज में सुरक्षा नियमों/सावधानियों का कड़ाई से कार्यान्वयन प्रदान कर एक व्यारोध रेंज में आवश्यक भूमि को 15-20 एकड़ तक कम किया जा सकता है (संपूर्ण खतरे के क्षेत्र के साथ एक वर्गीकरण रेंज के लिए आवश्यक क्षेत्र करीब 500 एकड़ है)। बढ़ती आबादी और ऊंची संपत्ति लागत के कारण भूमि की उपलब्धता की कमी की स्थिति में, भूमि की ऐसी बचत, छावनी में ही अभ्यास फायरिंग रेंज की संभावनाएं निर्मित करता है।
टीबीआरएल ने बांध विस्फोटन उपकरण डिजाइन और विकसित किया है जो कि खोखला आवेश के सिद्धान्त और प्रोजेक्टाइल के माध्यम से एक रॉकेट समर्थित उच्च विस्फोटक भरा हुआ (विस्फोटक आवेश) पर आधारित है। विविध प्रकार की बाधाओं, नहर किनारों और डीसीबी के विरूद्ध यांत्रिक थल सेना के आवागमन के लिए। युद्ध –क्षेत्र में यत्रचालित पैदल सेना (इनफैनटरी) की गतिशीलता बढ़ाने के लिए उपकरण, पुल लांच करना। सक्रिय होने पर, रॉकेट मोटर की मदद से मुख्य विस्फोटक आवेश नीचे की ओर आता है। फिर, एक विशिष्ट रूप से डिजाइन किए गए खोखले आवेश आरंभक उपकरण को सक्रिय करता है। खोखला आवेश जमीन में एक आरंभिक छेद बनाता है। मुख्य विस्फोटक आवेश, आरंभिक छेद के आधार में प्रवेश करता है और 3 सेकण्ड के पूर्वनिर्धारित देरी में फट जाता है और आवश्यक दरार/विवर निर्मित करता है।
प्राकृतिक रूप से विखंडित प्रकार के हथगोले, पैदल सैनिक द्वारा काफी लंबे समय से इस्तेमाल किए जा रहे हैं। भारतीय थल सेना अभी भी 36 एम हथगोले का उपयोग करती है, जिस पर भरोसा करना गंभीर समस्या है और इसके विखंडन पैटर्न के कारण फेंकने वाले के लिए भी असुरक्षित है। मल्टी-मोड हथगोलों का विकास इन त्रुटियों को दूर करने के लिए किया गया है। समान वितरण प्राप्त करने के लिए यह प्रिफोर्मड बेलनाकार हल्के इस्पात के पूर्व टुकड़ों का उपयोग करता है।
विस्फोटक: विस्फोटक का मुख्य काम अस्त्र को विस्फोटित करना और विविध कार्रवाइयों के दौरान सुरक्षा प्रदान करना है।विद्युत-यांत्रिकी प्रकार का विस्फोटक, जो लक्ष्य की ओर घात कर विस्फोट को शुरू करता है, उसे टीबीआरएल ने टीएल के अस्त्रों के लिए डिजाइन और विकसित किया है। विस्फोटक में भंडारण, परिवहन, हैंडलिंग और परिचालन के लिए आवश्यक सभी अंतर्निर्मित सुरक्षा हैं। विस्फोट-प्रेरक और रेसेप्टर आवेश के 12 मिमी के एल्युमीनियम प्लेट के रूप में एक रूकावट बाधा प्रदान की गई है जो हथियार रहित अवस्था में विस्फोट-प्रेरक के दुर्घटनावश फायरिंग के मामले में अस्त्र के विस्फोट को रोकता है। विस्फोटक का उपयोग टारपीडो के अस्त्र, जो कि हेलिकॉप्टर और जहाज दोनों से लांच के लिए बना है, के साथ हो सकता है।
प्रदर्शनों के रूप में लोगों द्वारा व्यक्त राजनीतिक और सामाजिक असंतोष, जो कि पारम्परिक रूप से लाठी-चार्ज, आंसू गैस, फायरिंग से हल किए जाते थे और परिणामस्वरूप लोगों की मौत में समाप्त होता था, उसे विफल करने के लिए टीबीआरएल ने पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए दंगा नियंत्रण गोला-बारूद डिजाइन एवं विकसित किया है। वर्तमान में ये गोला-बारूद देश भर में ऐसी विविध एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। डर पैदा कर और गैर-घातक तकनीकों का उपयोग कर ये अनियंत्रित स्थितियों को रोकते हैं।
प्रयोगशाला में, उच्च विस्फोटकों की रासायनिक उर्जा को विद्युत उर्जा में परिवर्तित करने की तकनीक को सफल रूप से स्थापित किया गया है। बीस की उपलब्धि के साथ विस्फोटक प्रेरित पेंचदार कुंडल प्रकार का फ्लक्स संपीडन धारा जनरेटर विकसित किया गया है। 1.4 एमए के शीर्ष मूल्य के एक पल्स करंट (विद्युत धारा) को एक विस्फोटक पल्स पावर प्रयोग में सफलतापूर्वक मॉनीटर किया गया है। देश में यह तकनीक स्थापित करने के लिए “राष्ट्रीय तकनीक पुरस्कार 2002” दिया गया था। आउटपुट पल्स के उठने के समय को कम करने के लिए विशेष स्वीचिंग तकनीक भी सफलतापूर्वक विकसित की गई है।
प्लास्टिक जोड़ के विस्फोटकों (पीबीएक्स) के लिए विकसित और स्थापित तकनीक, उच्च वीओडी और उच्चतर विस्फोट दबाव के साथ एचई रचनाओं का आधुनिकतम वर्ग।
महत्वपूर्ण विस्फोट तरंग पैरामीटर के सीधे मापन के लिए एक नई डिजाइन तकनीक के आधार पर यह रिकॉर्डर विकसित किया गया था।
14 किग्रा वर्ग सेमी तक दबाव मापने के लिए एक विस्फोट दबाव ट्रांसड्यूसर विकसित किया। 200 कि हर्टज की एक प्राकृतिक फ्रीक्वेंसी के साथ इसकी संवेदनशीलता 1400 पीसी/ किग्रा वर्ग सेमी की है। ये ट्रांसड्यूसर नियमित रूप से उत्पादित किए जा रहे हैं और कई प्रयोगशालाओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं। यह आवेग शोर (=190डीबी) के सिमुलेशन और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा द्वारा प्रयुक्त कृत्रिम ईयरप्लग की जांच के लिए विकसित किया गया है।
पट्ठा प्रबलित कंक्रीट निर्माण की एक नई निर्माण तकनीक जिसमें संरचनात्मक तत्व के दोनों सतहों पर लंबरूप सुदृढ़ीकरण के साथ निरंतर टेढ़ा तस्मे अपरूपण का उपयोग संरचना के लचीलेपन और उर्जा अवशोषण क्षमता को सुधारने के लिए होता है। इसे 5 टन विस्फोटकों की क्षमता के लिए विकसित किया गया है। यह डिजाइन कई डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, हथियार कारखानों, डीजीक्यूए और सेवा डिपो द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है।
यह आवेग शोर (=190डीबी) के सिमुलेशन और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा द्वारा प्रयुक्त कृत्रिम ईयरप्लग की जांच के लिए विकसित किया गया है।