जीटीआरई ने फ्लैटरेटिंगकांसेप्ट वाले इंजनों की जीटीएक्स श्रृंखला के विकास का जिम्मा संभाला और प्रथम प्रमुख इंजन विकास परियोजना के रूप में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
2009-10 में सेंट्रल इंस्टिट्यूटऑफएवियेशन मोटर्स (सीआईएएम), रूस में 73 घंटे का उड़ान परीक्षण किया गया और इंजन के प्रदर्शन और परिचालन की जांच की गई। 2010-11 में 12 किमी और माक संख्या 0.7 तक की ऊंचाई पर रूस में आईएल-76 विमान का 57 घंटे का उड़ान परीक्षण किया गया। अभी तक जमीन और हवा में 3000 घंटे से अधिक का परीक्षण पूरा किया गया है।
एक उपोत्पाद के रूप में, नौसेना के लिए इस इंजन के समुद्री संस्करण की कल्पना की गई और नेवलडॉकयार्ड, विशाखापत्तनम में पहले प्रोटोटाइप का सफल एकीकरण और परीक्षण किया गया।
क्रूज़ वाहन अनुप्रयोग के लिए, जीटीआरई ने माणिक नामक स्मॉलटर्बो इंजन (एसटीएफई) को डिज़ाइन व तैयार किया है। थ्रस्ट और लिफ्टिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए जीटीआरई जमीनी परीक्षण मंचों में इंजनों के प्रोटोटाइप तैयार किए गए व उनका परीक्षण किया गया है।
हाल ही में जीटीआरई ने एमबीटी अनुप्रयोग के लिए 1500 एचपी डीज़ल इंजन के लिए टर्बोचार्जर को डिज़ाइन व तैयार किया है। परिचालन क्षमताओं को साबित करने के लिए टर्बोचार्जर का परीक्षण डीज़ल इंजन के साथ किया गया है।