रडार प्रणाली
भारतीय डॉप्लर रडार (इंद्र-I)

इंद्र नीचे स्तर के लक्ष्यों का पता लगाने के लिए 2डी चल निगरानी रडार है। यह रडार दे पहिए वाले वाहन में लगाया गया है। इसकी मुख्य विशेषताएं स्वचालितच ट्रैक वाइल स्कैन (टीडब्ल्यूएस), एकीकृत आईएफएफ तथा उच्च गति से लक्ष्य पता लगाने के लिए उच्च स्कैन दर हैं। इस रडार का विकास मैसर्ज बैल द्वारा किया गया है और इसे सेवा में शामिल कर लिया गया है।
इंद्र-II पीसी रडार

यह रडार लक्ष्यों के भूतल नियंत्रित अवरोधन के लिए इंद्र रडार का परिवर्तित रूप है। रडार उच्च पर्वतमाला वियोजन वाले अत्यधिक भूतल जमाव में नीचे उड़ रहे विमानों का पता लगाने के लिए पल्स दाब का प्रयोग करता है। रडार की ईसीएम क्षमता बेहतर है। इस रडार का निर्माण मै. बैल ने किया है और भारतीय वायु सेना तथा थलसेना इसका प्रयोग कर रही है।
राजेंद्र रडार

राजेंद्र, बहुकृत्य व्यूहरचना रडार है, आकाश एसएएम प्रणाली के लिए बैटरी स्तर पर मुख्य संवेदी रडार है। यह प्रणाली एकीकृत मार्गदर्शी प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के एक भाग के रूप में भारतीय थल सेना की वायु रक्षा प्रणाली है। रडार में व्यापक खोज, बहु लक्ष्यों और प्रक्षेपास्त्रों का पीछा करने और साथ ही साथ अपनी स्वयं की बहु प्रक्षेपास्त्र को कमान तथआ मार्ग दिखाने की क्षमता है। यह रडार प्रणाली द्विपथी वाहनों-बैटरी स्तरीय रडार (बीएलआर) और बैटरी नियंत्रण केंद्र(बीसीसी) पर लगाई जाती है और समान गतिशीलता वाले सभी प्रकार की संक्रियाओं के लिए सभी सामरिक बलों को उपलब्ध है। रडार में ग्रुप अथवा स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए लचीलापन लिए हुए है तथा संक्रिया के ग्रुप मोड को समर्थन के लिए यूएचएफ संचार सुविधा भी इसमें उपलब्ध है।
त्रि-आयामी केंद्रीय अर्जन रडार (3डी-कार)

यह ग्रुप स्तरीय आकाश के लिए माध्यमिक क्षेत्र का निगरानी रडार है। इसकी गतिशीलता काफी है और उच्च तथा निम्न स्तरीय कवरेज उत्तम है। रडार लक्ष्यों की दूरी, दिगंश और ऊंचाई संबंधी सूचना प्रदान करता है जिससे अनुवर्ती कार्रवाई के लिए लक्ष्य पर सटीक निशान् साधना दर्शाता है। तीनों सेवाओं की निगरानी संबंधी जरूरतों को पूरा करने और बहुभूमिकाएं निभाने के लिए डिजाइन किया गया है। रडार दो वाहन संरूपण हेतु 'कोलोस-तातरा' में स्थापित किया जाता है। तथा ताथ ही तीसरा एक और वाहन डीजल जैनरेटर सैट लिए हुए होता है। जिस वाहन में एंटेना तथा अधिकतर संवेदी उप-प्रणालियां लगी होती हैं उसे रडार संवेदी वाहन (आरएसवी) कहा जाता है। दूसरे वाहन को डेटा केंद्र वाहन ((डीसीवी) कहा जाता है, इसमें रडार कनसोल, डेटा संसाधन यूनिट और संजार यूनिट लगी होती है। इस रडार को थल सेना की वायु रक्षा, वायु सेना और नौसेना के लिए वायुमंडलीय निगरानी हेतु विकसित किया गया है।
युद्ध क्षेत्र निगरानी रडार- अल्प दूरी (बीएफएसआर-एसआर)

युद्ध क्षेत्र निगरानी रडार-अल्प दूरी एक मानव सुवाह्य बैटरी चलित निगरानी रडार है। यह प्रणाली भूतल लक्ष्यों की आवाजाही का पता लगाने, मार्ग बताने और उन्हें वर्गीकृत करने की क्षमता रखती है। बीएफएसआर-एसआर प्रत्येक मौसम में रात व दिन में संचालन के लिए विश्वसनीय सेंसर है। इस रडार को तीन मानव पैकेट मे ले जाया जा सकता है।
यह रडार एक सरल, प्रयोग में आसान और प्रयोक्ता-अनुकूल निगरानी ई-सेंसर है। इतना आसान है कि एक इन्फैंट्री सैनिक 5 मिनट के भीतर ही स्थापित करके इस प्रभावकारी ढंग से चला सकता है। इसे एक विशिष्ट क्षेत्र में खोजबीन करने तथा मार्गों का पता लगाने के एक विश्वसनीय निगरानी और पथप्रदर्शक रडार के रूप में निर्मित किया गया है। यह रेंग रहे मनुष्यों, अकेले/ग्रुप में चल रहे मनुष्यों व हल्के/भारी वाहनों जैसे बहु लक्ष्यों को स्कैन करने का कार्य भी करता है। दृश्य एवं श्रवण साधन किसी लक्ष्य का सटीक पता लगाने और वर्गीकृत करने में सहायता देते हैं।
रडार में 100 मीटर की दूरी से संचालन करने की क्षमता है। बंकर अथवा खंदक में बैठा सैनिक एक तार के प्रयोग द्वारा रडार को उपयुक्त स्थान पर रखकर अपनी तकनीकी तथा सामरिक अपेक्षाओं को पूरा कर सकता है।
बीएफएसआर-एसआर में स्वनिर्मित नेटवर्क सुविधाच उपलब्ध है जो चक्सी निर्दिष्ट स्थान पर केंद्रीय रूप से उपलब्ध एकीकृत निगरानी चित्र उपलब्ध कराते हुए व्यापक क्षेत्र की महत्वपूर्ण निगरानी मुहैया कराता है। सभी राडारों को एक केंद्रीय स्थान से नियंत्रित किया जा सकता है। बीएफएसआर-एसआर के साथ आईआर सेंसर भी उपलब्ध है जो लक्ष्य सूचना में संवर्धन करता है। इस रडार का निर्माण मै. बीईएल (बैल) द्वारा किया गया है और इसे थलसेना में शामिल कर लिया गया है.
सुपरवीजन मेरीटाइम पेट्रोल रडार(एसवी-2000 एमपीएआर)

इस रडार का डिजाइन और विकास विकसित हल्के हैलीकॉप्टरों (एएलएच) के लिए किया गया है। इसमें हवाई लक्ष्यों, नावों, जहाजों, और फ्रिगेटों जैसे समुद्री भूतल लक्ष्यों और समुद्री स्किमर प्रक्षेपास्त्रों तथा समुद्री कल्टरों का पता लगाने की क्षमता है। यह रडार कामोव हैलिकॉप्टर, डॉर्नियर वायुयान, जैसे अन्य प्लेटफार्मों के लिए भी उपयुक्त है। समुद्री भूतल लक्ष्यों के वर्गीकरण के लिए इसमें आईएसएआर विशेषता भी उपलब्ध है।
शस्त्र टोही रेडार (डब्ल्यूएलआर)

डब्ल्यूएलआर एक सुंसंगत इल्कट्रॉनिकली रुप से स्कैन किया सी-बैण्ड प्लस डॉपलर रडार है। यह रडार अपने आप शत्रु के तोपखाने गोलाबारूदऔर रोकेट छोड़ने वालों का पता लगाता है और आवश्यक सुधार करने के लिए मित्रवत तोपखाने की गोली के बिन्दू का प्रभाव पता लगाने के लिये मित्रवत गोली दागता रडार युद्ध भूमि क्षितिज के ऊपर छोटी छोटी अनुप्रस्थ परिच्छेद सहित अस्त्रों का पता लगाने के लिये डिजाइन किया गया है, और अनेक ठिकाने पर तैनात हथियार हथियारो साथ-साथ गोली चलने को हैण्डल करने की भी सामर्थ्य रखता है। यह बिना पता लगाए शत्रु के अस्त्रों के लिये अजेय है। सामरिक युद्ध भूमि में शत्रु की बंदूको को शान्त करने में मदद करता है और नियत लक्ष्यों पर प्रभावी गोलाबारी को कम करने मे अपनी बनदूको को मदद करता है। यह रडार आयतित प्रणाली के स्थान पर भारतीय सेना के लिये विकसित किया गया है और यह तोपखाने की शक्ति कई गुणा बढाएगा।
डी मीडियम रेंज निगरानी रेडारः रोहिणी

3डी मध्यम निगरानी रडार रोहिणी भरोसे के साथ विमान के निशानों का पता लगाने और अनुशीलन के लिये अकाश पर निगरानी रखने के लिये एक भूमि पर स्थापित रडार है जो यांत्रिक रुप से स्कैन करने वाला रूप बैण्ड प्लस डापलर रडार है जहां तक शत्रु के ईडब्ल्यू वातावरण में भी रडार आकाश पर 360 के कोण तक स्कैन करता है। दिशा कोण तथा 30 डिग्री के कोण 18 किमी. तक की ऊंचाई तक के उत्थापन में। अनेक प्रकार के प्रयोगों के लिये लचीला वास्तुशिल्प भरोसे योग्य और अनुकूल प्रोद्योगिकी है? विमानपत्तनों पर आकाश सुरक्षा अस्त्र प्रणाली; आकाश सुरक्षा सेंसर शीघ्र चेतावनी हेतु। रडार में उन्नत प्रविधियां जैसे डिजिटल रिसीवर, प्रोग्रामेबल सिग्नल प्रोसेसर उच्च समाधान, शुद्धता जवाबी उत्तर और सूचना उपल्ब्ध कराता है। सॉफ्टवेयर से नियंत्रित ऊंची गति की डिजिटल प्रौद्योगिकीयां ऑपरेशनल कर्मी दल को सही समय पर आकृति दर्शाता है।
3डी निगरानी रडार प्रणाली रेवती

रडार की सार परास अवरोधक के लिये मध्यम भार 3डी आकाश की निगरानी, 3डी लक्ष्य भेदा एंव संकेतक और प्रारम्भिक सेसंर क रुप में सागरीतलीय निगरानी रडार उन्नत प्रौद्योगिकी पर आधारित है। उद्योग भागीदार मैसर्ज बेल मैसर्ज रक्त के साथ मिलकर समकालीन इंजिरनियरी का प्रयोग करना समझ रहा है।
3डी कुशल नियंत्रण रडार (3डी टीसीआर) रेडार

टाटरा वीवीएल पर चढ़ा होता है, चलता फिरते स्टैण्ड पर अकेला मध्यम दूरी तक, मङी प्रकार के मौसमों में आकाशीय लक्ष्यों की खोज एवं पहचान के लिये 3डी निगरानी रडार है। टीसीआर पर प्रांसगिक आंकडे एकत्रित किये जा सकते हैं। रडार से 20 किमी. की दूरी पर 1 रडार एस-बैण्ड में संचालित होता है और पीछे करने में सक्षम है और लड़ाकू विमानों के लिये 90किमी.तक रडार के क्षितिज के अनुसार UAV के लिये 65 किमीय तक विमान वाहित लक्ष्यों का स्कैन कर सकता है एण्टीना 10 किमी. ऊंचाई तक 360 एवं 50 के कोण पर ऐलीवेश्न उपल्ब्ध कराने के लिये दिशाकोणों में यंत्रों से घूमता है।
नीचे निशाना साधने वाला 2 डी रडार भारणी

नीचे निशाना साधने वाला हल्क मारवाला एवं बैण्ड का 2 डी रडार हल्क मार वाला है जो बैटरी से संचालित होता है और इसमें ठोस सेसंर लगा होता है जो शत्रु के आकाशीय लक्ष्य जैसे UAV , RPV हेलीकॉपटर्स, तथा मध्यम ऊचाई, पर उड़ने वाले स्थिर पंखो वालों विमानों पर सार करने के लिये मुख्यतः पहाड़ो की तलहटियो में सेना की आकाशीसुरक्षा अस्त्र प्रणालियो को चौकसा करने के लिये 2डी निगरानी समाधान उपल्ब्ध कराता है। सिस्टम में रडार, कमांडर डिस्प्ले यूनिट (सीपीयू), संदेश देने के लिए यूनिट एक रडार वर्तमान कॉमबॉट रेडियो रिसोर्सिस/नेटवर्क का प्रयोग 10 टीडीआर तक सर्विस कर सकता है। सीडीयू रडार से 750 मीटर की दूरी पर स्थापित किया जा सकता है। मॉड्यूलर वस्तुशिल्प वाला रडार, उन्नत ईसीसीएम विशेषताएं, मिल मानकों के अनुसार ठोस रडार जिसमें अत्यधिक ठंडे, गर्म जलवायु के विपरीत भौगोलिक स्थितियों तथा लड़ाई के मैदान की स्थितियों में विशेषकर प्रतिकूल ईडब्ल्यू पर्यावरण रडार आकाश से भूमि तक कम दूरी तक आक्रमणों का पता लगाकर सामना करता है। यह आक्रमणों का पता शीघ्रता से लगाता है, रडार में एक एकीकृत आईएफएफ है जो पता लगाकर पुष्टि, वर्गीकरण कर सकता है और निगरानी अधीन रणक्षेत्र में प्रत्येक निशाने की आईएफएफ स्थिति ढूंढ सकता है।
नीचे निशाना साधने वाला हल्के भार वाला 3डी रडार-अलेशा

अलेशा भिन्न भिन्न क्षेत्र जैसे मैदानों, रेगीस्तानों, पहाड़ों की चोटियां और ऊचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिये भूमि आधारित एस बैण्ड 3 डी नीचे निशाना साधने वाला हल्के भार का निगरानी मल्टी फेसटेड रडार है। आकाशीय लक्ष्यों का पता लगाता है और पीछा करता है इन लक्ष्यों में हैलीकापटर्स लडाकू तथा यूएवी शामिल है। रडार घाटी की टोह ले सकता है यह ऊचाई में इलेक्ट्रानिक से संचालित मल्टी बीम अविधि सहित प्रत्येक लक्ष्य के सही दूरी, दिशा कोण तथा ऊचाई की जानकारी देता है। रडार आकाश मे दूरी सम्बधी जानकारी देने के लिये दिंशाकोण में 360 डिग्री तथा ऊचाई में 30 डिग्री घमता है। सेमी डिस्ट्रीब्यूटिड एक्टिव एप्रेचर रडार उन्नत VLSI और तीव्र गति डिजिटल प्रविधियां प्रयोग करता है जैसे अधिक कार्यकुशलता वाले टी/आर मोड्यूल डी डी एस डिजिटल रिसीवर और प्रोग्रामेबल सिग्नल प्रोसेसर ताकि अधिक शुद्वि, विभेदन तथा भरोसे के साथ 3 डी आकाशीय दूरी की जानकारी उपलब्ध करा सके। चूंकि सभी प्रमुख रडार 3डी प्रणालियां घूमते फिरते मंच पर होती है, यह रडार का कम करता है यह अधिक शक्ति वाले घूमने वाले जोड़ो तथा मध्यवर्ती ट्रांसमीटर को अलग करके िस से रडार प्रणाली को अत्यन्त भरोसे होगा बनाकर रडार को सुगमता से दोबारा स्थापित किया जा सकता है और 15 मिन्ट से भी कम समय में तैनात किया हटाया जा सकता है। रडार को
वाहनों से पुरुषों के समूह से या किसी हैलीकाप्ट्रर्स से किसी स्लंग कैरिज के नीचे लटकाकर सुगमतापूर्वक ढुलाई करने के लिये अनेक खण्डों में टुकड़ों पैकेजो में निर्मित किया गया है। कमाण्डर के माध्यम से रडार का दूरवर्ती संचालन? क्या रडार से 1 किसी तक CDU को युद्व के समय कर्मीदल को सुरक्षा उपलब्ध कराता है। यह सुविधा किसी उचित टिकाने पर रडार को स्थापित करने के लिये कमाण्डर को समर्थ भी बनाती है। चतुष्पाद पर टिका लड़ाकू में सहयोग हेतु नेट्वर्कस या स्टैण्ड एलोन में सचालित करने हेतु बनाया गया है। अनेक ECCM विशेषताएं अमीष्ट कार्यप्रदर्शन प्राप्त करने से रडार भी मदद करता है जहां तक कि अत्याधिक शत्रुता भरे EM के वातावरण में भी अलेश ठोस, हल्के भार वाले तथा मॉडूलर असलेश का विभिन्न नूतन भूमिकाओं में प्रयोग किया जा सकेगा जैसे वीवीआईपी के शहरी क्षेत्रों, विशाल संवदेशीय/प्रतिष्ठानों में आकाश की निगरानी।
हिमस्खलन पीड़ित संसूचक (एवीडी)

यह एक जीवन रक्षक साधन है जो हिस्खलित मलबे में दबे पीड़ितों का पता लगाने के लिए बर्फीले हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में तैनात सैनिकों द्वारा संचालित किए चाते हैं। एवीडी एक ट्रांसमीटर-सह-दिशा बोधक रिसीवर है जिसमें निदेशात्मक एंटेना लगा होता है। यह उपस्कर पूर्णतः भूतल पर लगा एक इलैक्ट्रॉनिक यंत्र है जो शीशा भरे नाइलोन के हल्के से सीलबंद डिब्बे में बंद होता है। यह प्रणाली बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र के उद्योग द्वारा बनाई जाती है और सेवाओं द्वारा इसका सफल प्रयोग किया जा रहा है।