अनुसंधान द्वारा उत्पनं किसी भी बौद्धिक संपदा का स्वामित्व इस अनुदान के तहत किया जाता है,चाहे कानूनी रूप से संरक्षित हो या नहीं ,अनुदानकर्त संस्थान में निहित होगा.अनुदान देने वाली संस्था कानूनी रूप से (डीआरडीओ ) डीआरडीओ को रिपोर्ट करेगी कि वह कानूनी रूप से ऐसी किसी भी बौद्धिक संपदा की रक्षा करे ।
(डीआरडीओ ) DRDO को ऐसी बौद्धिक संपदा का उपयोग करने के लिए एक अपरिवर्तनीय और रॉयल्टी-मुक्त लाइसेंस माना जाता हैं,चाहे कानूनी रूप से संरक्षित हो या नहीं ,ऐसे उद्देश्यों के लिए (डीआरडीओ ) DRDO निर्णय ले सकता हे, अनुदानकर्त संस्था को सूचित करता है ।
इस अनुदान के माध्यम से गतिविधियों को बंद करने के दौरान या उसके बाद कानूनी रूप से संरक्षित,इस तरह के बौद्धिक गुणों के उपयोग की परिकल्पना करने वाले किसी भी समझोते को पूरा करने से पहले अनुदानकर्त संस्थान (डीआरडीओ ) डीआरडीओ से परामर्श करेगा .इस तरह के किसी भी समझोते में अनुदानकर्त संस्थान यह घोषणा करेगा कि बौद्धिक गुणों पर उसका स्वामित्व ऊपर पैरा (ii)से अधिक है।
न तो (डीआरडीओ ) डीआरडीओ और न ही भारत सरकार,अनुदान देने वाली संस्था द्वारा,या जांचकर्ताओं द्वारा,तीसरे पक्ष के बौद्धिक या अन्य संपत्ति अधिकारों के उंल्लघन के लिए किसी भी दायित्व को स्वीकार करती है ।