कम तीव्रता संघर्ष निदेशालय (डीएलआईसी), प्रभावी ढंग से एलआईसी अभियानों का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों हेतु प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं को समर्थन और सहायता प्रदान करता है। डीएलआईसी एमएचए, केंद्रीय पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों की उनके मध्यमावधि और दीर्घावधि आधुनिकीकरण योजनाओं के निर्माण में मदद करता है। यह विशिष्ट क्षेत्रों / प्रांतों और विशिष्ट स्थितियों में उपलब्ध संसाधनों के अभिनव और प्रभावी उपयोग पर; डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पादों और प्रणालियों के प्रभावी और इष्टतम उपयोगीकरण (प्रशिक्षण सहित) के लिए परिचालन पहलुओं और एसओपी के संदर्भ में संबंधित संगठनों (फील्ड स्तरीय इकाइयों सहित) को सलाह भी देता है; तथा नए उत्पादों, उपकरणों और प्रणालियों (उत्पाद विनिर्देश सहित, प्रदर्शनों की व्यवस्था करना, परीक्षण का संचालन, इत्यादि) को शामिल करने में संबंधित संगठनों का समर्थन करता है। यह उपयोगकर्ताओं की विशिष्ट आवश्यकता को पूरा करने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पादों और प्रणालियों के संशोधित प्रोटोटाइप की प्रस्तुति में उद्योग / विकास संबंधी भागीदारों की मदद करता है तथा एलआईसी से संबंधित नई प्रौद्योगिकियों को प्रारंभ करने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों और अन्य एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करता है।