डीआरडीओ भारत को अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों की कल्पना करने और विकसित करने में वैश्विक प्रौद्योगिकी अग्रणी देश बनाने की दृष्टि से अकादमिक, स्टार्ट-अप और उद्योग सहभागिता के माध्यम से निर्देशित अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए रणनीतिक रूप से प्रयास कर रहा है। डीआरडीओ रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता में तेजी लाने और अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए डीआरडीओ उद्योग अकादमी-उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओईएस) के नेटवर्क के माध्यम से अकादमी,राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों और स्टार्ट-अप/उद्योग को बहु-संस्थागत और बहु-विषयक निर्देशित अनुसंधान परियोजनाओं का वित्त पोषण कर रहा है।
शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों और स्टार्टअप/उद्योगों के दीर्घकालिक जुड़ाव के लिए एक दीर्घकालिक निर्देशित अनुसंधान नीति (एलटी-डीआरपी) को तैयार करके जारी कर दिया गया है । इस नीति में डीआईए-सीओई के माध्यम से सभी हितधारकों को एक साथ एक मंच पर लाकर भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए निर्देशित अनुसंधान की योजना बनाने और लागू करने के लिए एक सहयोगात्मक रूपरेखा दी गयी है ।
डीएफटीएम को पहचाने गए अनुसंधान डोमेन में महत्वपूर्ण और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए ट्रांसलेशनल अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चार्टर्ड किया गया है। डीएफटीएम सहयोगात्मक रूप से निर्देशित अनुसंधान की योजना बनाने, कार्यान्वित करने और प्रबंधित करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियां करता है: टीआरएल के साथ महत्वपूर्ण और भविष्य की प्रौद्योगिकियों और संबंधित प्रौद्योगिकी अंतराल की पहचान करना; डीआईए-सीओई स्थापित करना; सहयोगात्मक निर्देशित अनुसंधान एवं विकास के लिए पहचानी गई प्रौद्योगिकियों/प्रौद्योगिकी अंतरालों से संबंधित व्यापक तकनीकी विशिष्टताओं के साथ अनुसंधान समस्याओं और परिभाषाओं पर काम करना; डीआईए-सीओई में अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं की पहचान करना और स्थापित करना; राष्ट्रीय स्तर पर संसाधनों के लिए वैज्ञानिक एवं अनुसंधान संगठनों के साथ समन्वय करना; पहचानी गई एजेंसियों/संघों के साथ अनुबंध करना और वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए समन्वय करना; डीआईए-सीओईमें नवीन प्रौद्योगिकी विकास के लिए स्टार्टअप/उद्योगों को शामिल करना; डीआईए-सीओईके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग को सुगम बनाना।
डीआरडीओ प्रौद्योगिकी आवश्यकता आधारित निर्देशित अनुसंधान डीआईए-सीओई के माध्यम से ट्रांसलेशनल अनुसंधान को प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। डीआरडीओ स्वदेशी भविष्यवादी रक्षा अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी क्षमता बनाने के लिए अपनी सहभागिता को लगातार अपनी बढ़ा रहा है।